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म्यूचुअल फंड में फर्जीवाड़े पर सख्त हुआ सेबी, इनसाइडर ट्रेडिंग के नियम किए लागू, कौन होगा प्रभावित?

म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में तय समय तक निवेश नहीं करेगा इनसाइडर (फोटो- न्यूज18)

म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में तय समय तक निवेश नहीं करेगा इनसाइडर (फोटो- न्यूज18)

सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है. फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने कुछ ऐसी ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

किसी स्कीम या कंपनी की अंदरुनी जानकारी के आधार पर ट्रेडिंग इनसाइडर ट्रेडिंग होती है.
अभी तक यह नियम मार्केट में लिस्टेड या लिस्ट होने के लिए तैयार कंपनियों पर लागू होता था.
म्यूचुअल फंड में इनसाइडर ट्रेडिंग के नियम बीते 24 नंवबर से लागू हो चुके हैं.

नई दिल्ली. सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने म्यूचुअल फंड यूनिट की खरीद-बिक्री को भेदिया कारोबार (इनसाइडर ट्रेडिंग) संबंधी नियमों के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किया है. फिलहाल इनसाइडर ट्रेडिंग संबंधी नियम लिस्टेड कंपनियों की सिक्योरिटीज और सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर लागू होते हैं. अभी तक म्युचुअल फंड इकाइयों को इन्साइडर ट्रेडिंग के नियमों से बाहर रखा गया था.

सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है. फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने कुछ ऐसी जानकारियों का इस्तेमाल कर फंड में अपने निवेश को रीडिम किया जो पब्लिक डोमेन में नहीं थी. बता दें कि इन्साइडर मतलब किसी शख्स या संस्था के पास किसी स्कीम  गुप्त जानकारी होना है. इस जानकारी के आधार पर मार्केट में ट्रेडिंग करने को इन्साइड ट्रेडिंग कहा जाता है.

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सेबी ने क्या कहा?
सेबी ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, अगर किसी इन्साइडर के पास अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी है और उसका असर फंड की नेट एसेट वैल्यू पर पड़ सकता है तो इस स्थिति में वह म्यूचुअल की किसी भी स्कीम की यूनिट्स का लेनदेन नहीं करेगा. नए नियमों के तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) को अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों में एएमसी, ट्रस्टियों और उनके करीबी रिश्तेदारों की हिस्सेदारी का खुलासा करना होगा. इसके अलावा एएमसी का अनुपालन अधिकारी उस अवधि का निर्धारण करेगा जिस दौरान नामित व्यक्ति म्यूचुअल फंड की इकाइयों में लेनदेन नहीं कर सकता है. इसे प्रभावी बनाने के लिए सेबी ने भेदिया कारोबार के नियमों में संशोधन किया है जो 24 नवंबर से प्रभावी है.

म्यूचुअल फंड के लाभ के ट्रांसफर की समयसीमा घटी
नियामक सेबी ने शुक्रवार को म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों को लाभांश से प्राप्त राशि के ट्रांसफर के लिए 15 दिन की समयसीमा को घटाकर 7 कामकाजी दिन कर दिया है. सेबी के अनुसार, रिकॉर्ड तिथि के बाद 7 दिन भीतर लाभांश (डिविडेंड) भुगतान करना होगा. साथ ही यूनिट बेचने से प्राप्त रकम के ट्रांसफर के लिये समयसीमा मौजूदा 10 वर्किंग डेज से घटाकर तीन कार्य दिवस कर दी गई है. जिन योजनाओं में कुल संपत्ति में से कम-से-कम 80 प्रतिशत राशि विदेशों में स्वीकृत उत्पादों में लगी है तो इस परिस्थिति में यूनिट बेचने से प्राप्त रकम को 5 कामकाजी के अंदर ट्रांसफर किया जा सकता है.

Tags: Business news, Mutual fund, SEBI

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