सेबी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. कई बार ब्रोकर्स के ट्रेडिंग टर्मिनल में या सिस्टम में तकनीकी खराबी आने पर निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन अब निवेशकों का नुकसान नहीं होगा. दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को शेयर बाजारों को निर्देश दिया कि ब्रोकरों की तरफ से तकनीकी दिक्कत पैदा होने की स्थिति में उन पर ‘वित्तीय दंड’ लगाया जाए.
तकनाकी खामी की सारी जानकारी शेयर बाजारों को देनी होगी
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, सेबी ने कहा कि ब्रोकरों की तरफ से रुकावटें पूरे कारोबार को प्रभावित करती हैं. इसके अलावा शेयर ब्रोकरों को अपनी कारोबारी प्रणाली में किसी भी गड़बड़ी के एक घंटे के भीतर शेयर बाजारों को बताना होगा और साथ ही एक दिन में घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट जमा करनी होगी.
नई व्यवस्था अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगी
सेबी ने नियमों को कड़ा करते हुए कहा कि शेयर बाजारों को अपनी वेबसाइटों पर ब्रोकरों की कारोबारी प्रणाली में होने वाली तकनीकी गड़बड़ियों के साथ ही ऐसे मसलों के मूल कारणों के बारे में जानकारी देनी चाहिए. सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि नई व्यवस्था अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगी.
SEBI ने म्यूचुअल फंड की खरीद-बिक्री से जुड़े नियमों को इनसाइडर ड्रेडिंग के दायरे में लाया
वहीं, सेबी ने म्यूचुअल फंड यूनिट की खरीद-बिक्री को इनसाइडर ड्रेडिंग संबंधी नियमों के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किया है. इस समय इनसाइडर ड्रेडिंग संबंधी नियम लिस्टेड कंपनियों की सिक्योरिटीज के मामले में लागू होते हैं. इसके अलावा लिस्ट होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर भी ये नियम लागू होते हैं.
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