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बाजार में फैली अनिश्चितता के बीच SEBI का आश्वासन, बयान में कही बड़ी बात, निगरानी में कुछ कंपनियां

SEBI बाजार नियामक है जो मार्केट में स्थिरता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. (Shutterstock)

SEBI बाजार नियामक है जो मार्केट में स्थिरता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. (Shutterstock)

सेबी ने कहा है कि वह बाजार में निष्पक्षता और मजबूत बुनियाद बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. सेबी का बयान ऐसे समय में आया ...अधिक पढ़ें

    हाइलाइट्स

    इस विवाद के मध्य में अडानी समूह है जिस पर आरोप लगाया गया है.
    कंपनी का कहना है कि उसने सब कुछ कानून के तहत किया है.
    हालांकि, सेबी ने अपने बयान में किसी कंपनी का नाम नहीं लिया है.

    नई दिल्ली. हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg) के दावों के बाद अडानी समूह (Adani Shares) के शेयरों में गिरावट को लेकर बढ़ते विवाद के बीच सेबी ने शनिवार को कहा कि वह शेयर बाजार में निष्पक्षता, कुशलता और उसकी मजबूत बुनियाद बनाये रखने के साथ सभी जरूरी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. बाजार नियामक ने कहा कि कुछ शेयरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए उपाय किए जा रहे हैं. सेबी ने बगैर किसी कंपनी का नाम लिए बिना एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह एक कारोबारी समूह के शेयरों की कीमत में असामान्य रूप से उतार-चढ़ाव देखा गया है.

    भाषा के अनुसार, अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह बयान अडानी मामले के मद्देनजर ही जारी किया गया है. अमेरिका स्थित ‘शार्ट सेलर’ हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडाणी के अगुवाई वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद अडाणी की कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट हुई. हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को झूठा बताया है और कहा कि उसने सभी कानूनों और नियामक खुलासों का पालन किया है, इसके बावजूद अडाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कुल मिलाकर 8.5 लाख करोड़ रुपये की गिरावट हो चुकी है. यह गिरावट छह कारोबारी सत्रों में हुई.

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    एफपीओ वापस
    अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने 20,000 करोड़ रुपये के (एफपीओ) को भी वापस ले लिया. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बयान में कहा, ”अपनी जिम्मेदारी के तहत सेबी बाजार के व्यवस्थित और कुशल कामकाज को बनाए रखना चाहता है। किसी खास शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध निगरानी उपाए (एएसएम ढांचे सहित) मौजूद हैं.” बयान के मुताबिक, ”यह व्यवस्था किसी भी शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने पर कुछ शर्तों के तहत अपने आप सक्रिय हो जाती है.”

    निगरानी में कंपनियां
    शेयर बाजारों – बीएसई और एनएसई ने अडानी समूह की तीन कंपनियों – अडानी एंटरप्राइजेज, पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अंबुजा सीमेंट्स – को अपने अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) के तहत रखा है. इसका मतलब है कि ‘इंट्रा-डे ट्रेडिंग’ के लिए 100 प्रतिशत अपफ्रंट मार्जिन लागू होगा, ताकि इन शेयरों में सट्टेबाजी और ‘शॉर्ट-सेलिंग’ को रोका जा सके. सेबी ने कहा कि सभी विशिष्ट मामलों के संज्ञान में आने के बाद नियामक मौजूदा नीतियों के अनुसार उनकी जांच करता है और उचित कार्रवाई करता है. नियामक ने हालांकि स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि वह इस मामले में कोई जांच कर रहा है या नहीं

    Tags: Adani Group, Business news, Business news in hindi, SEBI, Stock market

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