प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम: 21 दिन बाद किसानों के बैंक खाते में फिर आएंगे दो हजार रुपये!

पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम की शुरुआत 24 फरवरी को हुई थी
एक अप्रैल को आएगी किसान सम्मान योजना की दूसरी किस्त, अगर आप छूट गए हैं तो अपने लेखपाल और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें!
- News18Hindi
- Last Updated: March 10, 2019, 2:16 PM IST
किसानों से जुड़ी मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजना के तहत 2000 रुपये की दूसरी किस्त 21 दिन बाद लाभार्थियों के खातों में आनी शुरू हो जाएगी. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Yojana) के तहत 2,000 रुपये की पहली किस्त दो करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में आ चुकी है. योजना के तहत पहली किस्त उन किसानों को मिली है जिनका राज्यों के किसान सेवा पोर्टल पर पहले से रजिस्ट्रेशन है. लेखपालों ने ऐसे किसानों की लिस्ट गांव-गांव जाकर खुद वेरीफाई की है. उनके नाम, मोबाइल नंबर व आधार कार्ड का मिलान कर पात्र किसानों की लिस्ट कृषि विभाग को सौंपी गई. वेरीफाईड किसानों का डाटा पीएम किसान पोर्टल पर फीड करवाया गया और उनके खाते में पैसा आ गया.
अगर आप छूट गए हैं तो अपने लेखपाल और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें. योजना के तहत सरकार असली किसानों को खेती-किसानी के लिए सालाना 6000 रुपये का सहयोग दे रही है. (ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार को पता नहीं किसानों के खाते से क्यों वापस हो रहा पैसा)
पीएम ने गोरखपुर में लॉंच की थी किसानों की यह स्कीम
किसे मिलेगा लाभकेंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ऑपरेशनल गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसमें बताया गया है कि किसे लाभ मिलेगा और किसे नहीं.
लघु एवं सीमांत किसान परिवार: इसकी परिभाषा में ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है, जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों और ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों. यानी पति-पत्नी और बच्चों को एक इकाई माना जाएगा. जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे.
लाभ के लिए कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. इसके लिए जरूरी कागजात होने चाहिए. जिसमें रेवेन्यू रिकॉर्ड में जमीन मालिक का नाम, सामाजिक वर्गीकरण (अनुसूचित जाति/जनजाति), आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा.
किसान (file photo)
यह योजना एक दिसंबर 2018 से लागू है, इसलिए 31 मार्च से पहले सभी लाभार्थी किसानों के खातों में 2000 रुपये की पहली किस्त आ जाएगी. योजना योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल के मुताबिक दो करोड़ से अधिक किसानों के अकाउंट में पैसा भेजा जा चुका है. केंद्र सरकार का दावा है कि इससे 12 करोड़ किसानों को लाभ होगा. इस योजना पर सरकार 75 हज़ार करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनका नाम 2015-16 की कृषि जनगणना में आता है. सरकार ने पिछले साल इसे जारी किया था.
किसे नहीं मिलेगा लाभ
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को इसका फायदा नहीं मिलेगा. हमारे 15.85 फीसदी सांसद खुद को किसान बताते हैं. विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसे किसान 6000 वाली सहायता के हकदार नहीं होंगे. योजना का लाभ लेने के लिए और भी कई कंडीशन अप्लाई की गई हैं. (ये भी पढ़ें: इन 'किसानों' से वापस ली जाएगी 2000 रुपये की सहायता, कहीं आप तो नहीं हैं इनमें? )
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक 2006-07 से 2014-15 तक 1 करोड़ से ज्यादा कृषि आय दिखाने वाले 2746 मामले आए हैं. बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर नेता हैं, जो अपनी आय कृषि में दिखाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे किसानों में ज्यादातर मंत्री, सांसद, विधायक और नेता होते हैं, ऐसे लोग इसका फायदा नहीं ले पाएंगे. शर्तें लगाकर सरकार असली किसानों को ही लाभ देना चाहती है.
पहली किस्त पाने वालों को मिला था ऐसा संदेश!
केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा. लास्ट वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस लाभ से वंचित होंगे.
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अगर आप छूट गए हैं तो अपने लेखपाल और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें. योजना के तहत सरकार असली किसानों को खेती-किसानी के लिए सालाना 6000 रुपये का सहयोग दे रही है. (ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार को पता नहीं किसानों के खाते से क्यों वापस हो रहा पैसा)

किसे मिलेगा लाभकेंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की ऑपरेशनल गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसमें बताया गया है कि किसे लाभ मिलेगा और किसे नहीं.
लघु एवं सीमांत किसान परिवार: इसकी परिभाषा में ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है, जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हों और ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमीन पर खेती करते हों. यानी पति-पत्नी और बच्चों को एक इकाई माना जाएगा. जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे.
लाभ के लिए कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. इसके लिए जरूरी कागजात होने चाहिए. जिसमें रेवेन्यू रिकॉर्ड में जमीन मालिक का नाम, सामाजिक वर्गीकरण (अनुसूचित जाति/जनजाति), आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा.

यह योजना एक दिसंबर 2018 से लागू है, इसलिए 31 मार्च से पहले सभी लाभार्थी किसानों के खातों में 2000 रुपये की पहली किस्त आ जाएगी. योजना योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल के मुताबिक दो करोड़ से अधिक किसानों के अकाउंट में पैसा भेजा जा चुका है. केंद्र सरकार का दावा है कि इससे 12 करोड़ किसानों को लाभ होगा. इस योजना पर सरकार 75 हज़ार करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इसका लाभ उन किसानों को मिलेगा जिनका नाम 2015-16 की कृषि जनगणना में आता है. सरकार ने पिछले साल इसे जारी किया था.
किसे नहीं मिलेगा लाभ
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को इसका फायदा नहीं मिलेगा. हमारे 15.85 फीसदी सांसद खुद को किसान बताते हैं. विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसे किसान 6000 वाली सहायता के हकदार नहीं होंगे. योजना का लाभ लेने के लिए और भी कई कंडीशन अप्लाई की गई हैं. (ये भी पढ़ें: इन 'किसानों' से वापस ली जाएगी 2000 रुपये की सहायता, कहीं आप तो नहीं हैं इनमें? )
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक 2006-07 से 2014-15 तक 1 करोड़ से ज्यादा कृषि आय दिखाने वाले 2746 मामले आए हैं. बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर नेता हैं, जो अपनी आय कृषि में दिखाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे किसानों में ज्यादातर मंत्री, सांसद, विधायक और नेता होते हैं, ऐसे लोग इसका फायदा नहीं ले पाएंगे. शर्तें लगाकर सरकार असली किसानों को ही लाभ देना चाहती है.

केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा. लास्ट वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस लाभ से वंचित होंगे.
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