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Air India को वापस पाने के लिए TATA को पार करना होगा इस शख्स की चुनौती, बन सकता है बड़ी मुसीबत

एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने ही साल 1932 में पहली बार शुरू किया था. बाद में टाटा ने इसे सन् 1953 में सरकार को बेच दिया था.

एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने ही साल 1932 में पहली बार शुरू किया था. बाद में टाटा ने इसे सन् 1953 में सरकार को बेच दिया था.

एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने ही साल 1932 में पहली बार शुरू किया था. बाद में टाटा ने इसे सन् 1953 में सरकार को बेच दिया थ ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India)को खरीदने के लिए सबसे मजबूत दावेदर टाटा समूह (Tata Group) को माना जा रहा है. लेकिन टाटा के लिए एयर इंडिया को वापस पाना इतना भी आसान नहीं है. एयर इंडिया को खरीदने (Air India Sale) के लिए टाटा को अब एक और मुसीबत को पार करना पड़ेगा. दरअसल, एयर इंडिया और टाटा के बीच अब स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर अजय सिंह (Ajay Singh) बड़ी मुसीबत बन सकते हैं. बता दें कि एयर इंडिया को खरीदने के लिए अजय सिंह बोली लगाएंगे. इसके लिए वे 1 अरब डॉलर की पूंजी जुटाने में लग गए हैं.

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक स्पेशल पर्पज वीकल (SPV) के जरिए ऐसा किया जाएगा जिसमें अमेरिका के दो फंड्स भी हिस्सा लेंगे. कथित तौर पर सिंह के पास SPV में न्यूनतम 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि अमेरिकी फंडों के इसमें करीब 70 करोड़ डॉलर का योगदान होने की संभावना है. बता दें कि सरकार ने एयर इंडिया की फाइनेंशियल बिड्स के लिए अगस्त के तीसरे सप्ताह की समयसीमा तय की है.

    अजय सिंह स्पाइसजेट से बेचेंगे कुछ हिस्सेदारी
    इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अजय सिंह का लक्ष्य इक्विटी से लगभग 300 मिलियन डॉलर जुटाने का है. यह एसपीवी एयर इंडिया में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाएगी. यूनिट लिस्टेड होने के बाद अजय सिंह स्पाइसजेट की कार्गो इकाई में अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेच सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस प्लान के अंतिम समझौते में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, फिलहाल यह शुरुआती चरण में ही है.

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    एयर इंडिया पर है 37,000 करोड़ रुपये का कर्ज
    बजट एयरलाइन ने 30 जून को स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges) को सूचित किया कि वह अपने कार्गो व्यवसाय को एक अलग यूनिट में बदलने की योजना बना रही है. इसके लिए शेयरहोल्डर्स की मंजूरी ली जाएगी. बता दें कि एयर इंडिया पर करीबन 37,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. हालांकि ऐसी संभावना है कि बोली लगाने वाली कंपनियां इसमें कटौती की मांग कर सकती हैं. अब तक एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वाली दूसरी एकमात्र क्वालिफाइड बिडर टाटा संस है. आपको बता दें कि एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने ही साल 1932 में पहली बार शुरू किया था. बाद में टाटा ने इसे सन् 1953 में सरकार को बेच दिया था.

    Tags: Air india, Air India Sale, Business news in hindi, Ratan tata, Spicejet, Tata

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