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मोदी सरकार के फैसले से हिट हुआ ये बिजनेस! आप भी कर सकते हैं हर महीने 50 हजार रुपये की कमाई

जूट के बैग बनाने की यूनिट लगाना बेहतर विकल्प

जूट के बैग बनाने की यूनिट लगाना बेहतर विकल्प

सिंगल यूज प्लास्टिक पर (Single Use Plastic Ban) पर बैन लगाने के बाद गोल्ड फाइबर यानी जूट (Jute Industry) को बड़ा फायदा ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. मोदी सरकार (Modi Government) ने सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट को बैन (Single Use Plastic Ban) कर दिया है. सरकार ने प्लास्टिक से बने प्रोडक्‍टस के इस्‍तेमाल पर पाबंदी लगा दी है. इसका फायदा गोल्ड फाइबर यानी जूट (Jute Industry)को मिल रहा है. जूट मिलों की डिमांड बढ़ गई है साथ ही जूट मीलों को भी बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिल रहे हैं. आलम ये है कि जूट बैग बनाने वाली यूनिट्स को सरकार से अपील करनी पड़ी है कि जूट बैग के और ऑर्डर न दें. अगर आप भी कोई नया बिज़नेस (New Business Idea) शुरू करने का प्लान कर रहे हैं तो आपके पास ये खास बिज़नेस शुरू करने का ऑप्शन है. कम निवेश में शुरू होने वाले बिजनेस के बारे में सोच रहे हैं तो जूट के बैग बनाने की यूनिट लगाना बेहतर विकल्प है.

    >> बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक बिरला कॉरपोरेशन की यूनिट बिरला जूट मिल्स को 20 लाख जूट थैलों का ऑर्डर पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ानी पड़ रही है.

    >>बिरला जूट मिल्स के असिसटेंट वाइस प्रेसिडेंट आदित्य शर्मा ने BS को बताया कि हमने पिछले साल यह यूनिट शुरू की है और हमारी क्षमता महीने में 1,50,000 बैग बनाने की है.

    >>बताया कि दो महीने के अंदर हम नए स्थान पर इतनी ही क्षमता वाली एक और यूनिट शुरू करने जा रहे हैं. जिससे हम डिमांड को पूरा कर सकें.

    >>भारतीय जूट मिल्स असोसिएशन के पूर्व चेयरमैन और जूट मिल के मालिक संजय कजारिया ने बताया कि जूट बैग्स की बढ़ती डिमांड के चलते कुल जूट उत्पादन क्षमता में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है.

    >>सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन जूट की मांग बढ़ने के पीछे सबसे बड़े कारणों में शामिल है. सिर्फ विदेश में ही नहीं, बल्कि घरेलू तौर पर भी रिटेलर्स और दुकानदार जूट बैगों की तरफ मुड़ रहे हैं. कस्टमर्स भी रियूजेबल बैग्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.

    आइए जानते हैं जूट के बैग बनाने की यूनिट शुरू करने का प्रोसेस...

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    इतने में शुरू होगी यूनिट- मिनिस्‍ट्री ऑफ टेक्‍सटाइल्‍स के हैंडीक्राफ्ट डिवीजन के मुताबिक, अगर आप एक जूट बैग मेकिंग यूनिट लगाना चाहते हैं तो आपको 5 सिलाई मशीन खरीदनी होंगी, जिनमें 2 हैवी ड्यूटी होनी चाहिए. इन मशीनों पर आपका लगभग 90 हजार रुपए का खर्च आएगा. इसके अलावा आपको लगभग 1 लाख 4 हजार रुपये वर्किंग कैपिटल की जरूरत होगी. जबकि अन्‍य खर्चों, जिसमें फिक्‍सड असेट, ऑपरेटिंग खर्च आदि पर लगभग 58 हजार रुपये का खर्च आएगा. यानी कि आपके प्रोजेक्‍ट की कैपिटल कॉस्‍ट लगभग 2.52 लाख रुपये आएगा.

    भारत सरकार (Central Government) की पहल के बाद से भारत में प्लास्टिक बैन (Single Use Plastic) होती नज़र आ रही है. इसका फायदा गोल्ड फाइबर कहे जाने वाले जूट (Jute Industry)को मिल रहा है.
    जूट मीलों को भी बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिल रहे हैं


    इस कैपिटल कॉस्‍ट के आधार पर आपको लोन मिलेगा. इसमें एक माह का रॉ मैटेरियल, एक माह का वेतन आदि शामिल है. यानी इस प्रोजेक्‍ट पर आपको 65 फीसदी मुद्रा लोन और 25 फीसदी ब्याज मुक्त लोन नेशनल सेंटर फॉर जूट डायवर्फिकेशन (NCFD) से ले सकते हैं. बाकी 25 हजार रुपये का आपको खुद इंतजाम करना होगा. इतनी राशि से आपका काम शुरू हो जाएगा.

    कितना प्रोडक्‍शन होगा- अगर आप इस प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट के आधार पर यूनिट लगाते हैं तो आप 9 हजार शॉपिंग बैग, 6 हजार लेडीज बैग, 7500 स्‍कूल बैग, 9 हजार जेंट्स हैंड बैग, 6 हजार जूट बम्‍बू फोल्‍डर सालाना प्रोडक्‍शन कर सकते हैं.

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    कितनी होगी इनकम- आपको साल भर में रॉ मैटेरियल, सैलरी, रेंट, डेप्रिशिएसन, बैंक इंटरेस्‍ट आदि पर लगभग 27.95 लाख रुपये का खर्च आएगा, जबकि आपका सेल्‍स रेवेन्‍यू 32.25 लाख रुपये होगा. इस तरह आपका साल भर में ऑपरेटिंग प्रॉफिट 4.30 लाख रुपये होगा. यानी हर महीने करीब 36 हजार रुपये.

    Tags: Business, Business opportunities, How to start a business, New Business Idea

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