इतनी बढ़ गई किसानों की आय, पीएम मोदी के इस दांव से हो जाएगी डबल!

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से आय और बढ़ाने में मिलेगी मदद
2012-13 में कृषि परिवारों की औसत मासिक आय 6426 रुपये थी, अब हो गई है 8058 रुपये. 2022 तक दोगुना करेगी सरकार.
- News18Hindi
- Last Updated: February 8, 2019, 11:32 AM IST
कृषि व किसानों से जुड़े सवालों पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार को घेर रहा है. सांसदों के एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि किसानों की इनकम पहले के मुकाबले बढ़ गई है. इनकम डबलिंग कमेटी के हवाले से कृषि मंत्रालय ने एक रिपोर्ट संसद में पेश की है, जिसके मुताबिक किसानों की औसत सालाना आय 96,703 रुपये हो गई है. मतलब 8058.58 रुपये प्रति माह. मोदी सरकार ने फरवरी 2016 में यह लक्ष्य बनाया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल मिलने जा रही 6000 रुपये की मदद से आय दोगुनी करने का रास्ता आसान हो जाएगा.
पीएम नरेंद्र मोदी की ड्रीम योजनाओं में किसानों की आय दोगुनी करना भी है. वह अक्सर इसका जिक्र करते हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा 13 अप्रैल 2016 को डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी का गठन करवाया था. ये चुनावी साल है इसलिए विपक्ष पूछ रहा है कि किसानों की आय कितनी हो गई. सांसद पिनाकी मिश्रा, राहुल कस्वां और जोएस जॉर्ज ने संसद में इसी से जुड़ा सवाल पूछा. जिसका जवाब कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने दिया. (ये भी पढ़ें: इन किसानों को नहीं मिलेगी 6000 रुपये की सहायता, कहीं आप तो नहीं हैं इनमें?)
किसानों की आय दोगुनी करना बड़ी चुनौती है
रूपाला ने बताया, “नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में (2012-13) में सर्वे किया था. इसमें प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 6426 रुपये का अनुमान लगाया गया था. हालांकि, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति संबंधी रिपोर्ट पेश करने वाली समिति ने 2015-16 की कीमतों पर वर्ष 2012-13 के सर्वे परिणामों को वर्ष 2015-16 पर विस्तारित करते हुए यह दर्शाया है कि किसान की आय प्रति वर्ष 96,703 रुपये होती है.”मतलब ये है कि 8058.58 रुपये प्रति माह. इस दावे को सच माना जाए तो 2012-13 के मुकाबले 2015-16 में आय प्रतिमाह सिर्फ 1632.58 रुपये बढ़ी है
क्या कहती है डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी?
डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक दलवाई का कहना है कि किसानों की प्रोडक्टिविटी बढ़ जाए, उत्पादन लागत कम हो, मार्केट मिल जाए और उचित मूल्य मिले तो किसानों की आय दोगुनी करने का सपना साकार हो सकता है. इस दिशा में सरकार काम कर रही है.
दलवई का कहना है कि पहले सिर्फ कृषि के बारे में सोचा जाता था, लेकिन पहली बार किसानों के बारे में भी सोचा गया है, ताकि वह खुशहाल हों. कितनी उपज हुई इसके साथ-साथ यह बहुत महत्वपूर्ण है कि किसान को लाभ कितना मिला. कमेटी का दावा है कि सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जो किसानों को सालाना 6000 रुपये उनके बैंक खाते में देने का निर्णय लिया है, इससे भी उनकी आय में बड़ा फर्क आएगा.
दलवई का कहना है कि किसानों की आय संबंधी अभी तक के आंकड़े सैंपल सर्वे के हैं. किसानों की आय को मेजर करने के लिए अभी तक कोई सिस्टम नहीं है. इसे भी बनवाएंगे, ताकि एक निश्चित अंतराल में किसानों की आय के बारे में सही जानकारी मिले. फिर हम उसी हिसाब से उनके लिए काम कर सकें.
किसानों के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है
कितना बढ़ा उत्पादन
कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के मुताबिक, 2017-18 के लिए चौथे अग्रिम अनुमानों के अनुसार देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 284.83 मिलियन टन तक अनुमानित है. जो 2016-17 के दौरान प्राप्त 275.11 मिलियन टन के पुराने रिकॉर्ड उत्पादन की तुलना में 9.72 मिलियन टन अधिक है.
दलहन का उत्पादन 2015-16 के 16.32 मिलियन टन से बढ़कर 2017-18 के दौरान 25.23 मिलियन टन हो गया है. तिलहन का प्रोडक्शन 2015-16 के 25.25 मिलियन टन से बढ़कर 2017-18 में 31.31 मिलियन टन हो गया है. इसी तरह गन्ने का उत्पादन 2015-16 के 348.45 मिलियन टन से बढ़कर 2017-18 में 376.90 मिलियन टन हो गया है.
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रूपाला ने बताया, “नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में (2012-13) में सर्वे किया था. इसमें प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय 6426 रुपये का अनुमान लगाया गया था. हालांकि, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति संबंधी रिपोर्ट पेश करने वाली समिति ने 2015-16 की कीमतों पर वर्ष 2012-13 के सर्वे परिणामों को वर्ष 2015-16 पर विस्तारित करते हुए यह दर्शाया है कि किसान की आय प्रति वर्ष 96,703 रुपये होती है.”मतलब ये है कि 8058.58 रुपये प्रति माह. इस दावे को सच माना जाए तो 2012-13 के मुकाबले 2015-16 में आय प्रतिमाह सिर्फ 1632.58 रुपये बढ़ी है
क्या कहती है डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी?
डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक दलवाई का कहना है कि किसानों की प्रोडक्टिविटी बढ़ जाए, उत्पादन लागत कम हो, मार्केट मिल जाए और उचित मूल्य मिले तो किसानों की आय दोगुनी करने का सपना साकार हो सकता है. इस दिशा में सरकार काम कर रही है.
दलवई का कहना है कि पहले सिर्फ कृषि के बारे में सोचा जाता था, लेकिन पहली बार किसानों के बारे में भी सोचा गया है, ताकि वह खुशहाल हों. कितनी उपज हुई इसके साथ-साथ यह बहुत महत्वपूर्ण है कि किसान को लाभ कितना मिला. कमेटी का दावा है कि सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जो किसानों को सालाना 6000 रुपये उनके बैंक खाते में देने का निर्णय लिया है, इससे भी उनकी आय में बड़ा फर्क आएगा.
दलवई का कहना है कि किसानों की आय संबंधी अभी तक के आंकड़े सैंपल सर्वे के हैं. किसानों की आय को मेजर करने के लिए अभी तक कोई सिस्टम नहीं है. इसे भी बनवाएंगे, ताकि एक निश्चित अंतराल में किसानों की आय के बारे में सही जानकारी मिले. फिर हम उसी हिसाब से उनके लिए काम कर सकें.

कितना बढ़ा उत्पादन
कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के मुताबिक, 2017-18 के लिए चौथे अग्रिम अनुमानों के अनुसार देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 284.83 मिलियन टन तक अनुमानित है. जो 2016-17 के दौरान प्राप्त 275.11 मिलियन टन के पुराने रिकॉर्ड उत्पादन की तुलना में 9.72 मिलियन टन अधिक है.
दलहन का उत्पादन 2015-16 के 16.32 मिलियन टन से बढ़कर 2017-18 के दौरान 25.23 मिलियन टन हो गया है. तिलहन का प्रोडक्शन 2015-16 के 25.25 मिलियन टन से बढ़कर 2017-18 में 31.31 मिलियन टन हो गया है. इसी तरह गन्ने का उत्पादन 2015-16 के 348.45 मिलियन टन से बढ़कर 2017-18 में 376.90 मिलियन टन हो गया है.
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