आनंद महिंद्रा ने एक ट्वीट कर अपने स्टार्टअप हीरो के बारे में बताया है.
नई दिल्ली. महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने दिल्ली के ऑटो रिक्शा चालक को अपना स्टार्टअप हीरो बताया है. उन्होंने ऑटोरिक्शा चालक से संबंधित एक आर्टिकल को ट्विटर पर शेयर कर लिखा है, “यह मेरे स्टार्टअप हीरो हैं.
अपने ट्विटर पर एक ऑटोरिक्शा चालक से संबंधिए एक आर्टिकल शेयर करते हुए लिखा है, “ये मेरे स्टार्टअप हीरो हैं. जो इन्होंने किया उसके लिए केवल एक बिजनेस शुरू कर देने से अधिक जुनून और हिम्मत चाहिए. इन्होंने अपना जीवन एक बार नहीं 2 बार फिर से शुरू किया और उसे नई दिशा दी.”
1984 के दंगों में गंवाया सबकुछ
जिन ऑटो रिक्शा चालक की कहानी आनंद महिंद्रा ने शेयर की है उनका नाम परमजीत सिंह है. बैटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 1984 से पहले वह दिल्ली में रसना (रेडी टू मेड एनर्जी ड्रिंक) के इकलौते डिस्ट्रीब्यूटर थे. उनके पास 7-8 ऑटो थे जिससे वह दिल्ली में दुकानों पर रसना की सप्लाई करते थे. 1984 के सिक्ख दंगों में उनका कारोबार तबाह हो गया और रसना की डीलरशिप उनके हाथ से चली गई. उन्होंने बाद में अन्य कंपनियों से हाथ मिलाने का प्रयास किया पर असफल होने पर वह टैक्सी चलाने लगे.
मौत के मुंह से बाहर आए
करीब 7 साल बाद उनके साथ एक भयानक हादसा हुआ. मसूरी में उनका बेहद दर्दनाक एक्सीडेंट हुआ और वह 13 दिन कोमा में रहे. हालांकि, किसी तरह वह मौत के मुंह से बाहर आए. उनके घुटने व हाथ की हड्डियां टूट गई थीं जिनसे रिकवर करने में उन्हें काफी लंबा समय लगा. इसके बाद उन्हें एक स्ट्रोक भी आया. लेकिन वह उससे भी बच निकले. सिंह अब दिल्ली में एक ऑटो रिक्शा चलाते हैं.
सोशल मीडिया पर लोगों ने सराहा
आनंद महिंद्रा की पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट कर परमजीत सिंह के जज्बे की सराहना की है. हालांकि, कुछ लोगों ने इसे सिस्टम की असफलता भी कहा है. एक यूजर ने ट्वीट किया, “जो रसना को और बड़ा बना सकते थे उन्हें दंगों के कारण ऑटो रिक्शा चलाना पड़ा. यह भारत का बड़ा नुकसान है. उन्हें अगला रसना (कंपनी) बनाने के लिए सही समर्थन की आवश्यकता है.”
.
Tags: Anand mahindra, Business news, Business news in hindi, Success Story