सरकार चीनी निर्यात का कोटा निर्धारित करती है.
नई दिल्ली. शुगर एक्सपोर्ट (Sugar Export) के लिहाज से चालू चीनी सीजन भारत के लिए काफी अच्छा रहने की उम्मीद है. अक्टूबर में शुरू हुए चालू सीजन में दिसंबर के अंत तक 15 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन का कहना है कि बाजार की रिपोर्ट बताती है कि 45 लाख से 50 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए अनुबंध हो चुके हैं. इनमें से छह लाख टन चीनी बाहर भेज दी गई है. नौ लाख टन चीनी का निर्यात इस महीने के अंत तक होने की उम्मीद है. सरकार ने मार्केटिंग ईयर 2022-23 के दौरान 60 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी है. सरकार इस कोटे को बढ़ा भी सकती है.
जानकारों का कहना है कि ज्यादा चीनी निर्यात होने से चीनी मिलें आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी. मिलों के पास पैसा आएगा तो वे किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान कर पाएंगी. इस तरह किसानों को भी चीनी निर्यात बढ़ने पर फायदा होगा. पिछले सीजन चीनी सीजन (अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022) में 111 लाख टन चीनी निर्यात हुआ था. सरकार चीनी निर्यात का कोटा निर्धारित करती है.
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पिछले सीजन से ज्यादा उत्पादन
द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन का कहना है कि चालू गन्ना पेराई सीजन में इस साल 15 दिसंबर तक 82 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है.यह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले करीब चार लाख टन अधिक है. इस सीजन में अब तक सभी प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में उच्च उत्पादन देखा जा रहा है. अभी 497 है चीनी मिलें चल रही हैं. वहीं, पिछले साल समान अवधि में 479 चीनी मिलें परिचालन में थी.
बढ़ सकता है निर्यात कोटा
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार जनवरी में मार्केटिंग ईयर 2022-23 के लिए चीनी निर्यात कोटा (sugar export quota) को बढ़ा सकती है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भी 15 दिसंबर को खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा के हवाले से बताया था कि स्थानीय उत्पादन का अनुमान लगाने के बाद केंद्र सरकार जनवरी में अतिरिक्त चीनी निर्यात की अनुमति देने पर विचार कर सकती है. सरकार ने मार्केटिंग ईयर 2022-23 के दौरान 6 मिलियन टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी है.
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