निवेश करने से पहले पढ़ लें वॉरेन बफे की ये खत, कभी नहीं करेंगे भूल

Warren Buffet
Warren Buffett Annual Letter: शनिवार को 90 साल के वॉरेन बफे ने अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के शेयरहोल्डर्स के लिए एक खत लिखा. इसमें उन्होंने अपनी गलतियों का जिक्र किया. साथ ही निवेशकों को सुझाव भी दिए.
- News18Hindi
- Last Updated: February 28, 2021, 12:19 PM IST
नई दिल्ली. इन दिनों शेयर मार्केट (Share Market) उछाल पर है. मार्केट को लेकर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है. युवा महिला निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है. ऐसे में अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए दुनिया के मशहूर निवेशक और बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway Inc) कंपनी के सीईओ वॉरेन बफे (Warren Buffett) की ये सालाना खत जो उन्होंने लिखा है यह काफी मददगार साबित हो सकता है. शनिवार को 90 साल के वॉरेन बफे ने अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के शेयरहोल्डर्स के लिए एक खत लिखा. इसमें उन्होंने अपनी गलतियों का जिक्र किया. साथ ही निवेशकों को सुझाव भी दिए.
जानिए, वाॅरेन बफे की बड़ी गलतियां
शेयरधारकों को लिखे पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे वह पीसीसी के बारे में गलत थे, उनका दांव उलटा पड़ गया था. बर्कशायर हैथवे ने 2016 में एयरक्राफ्ट और इंडस्ट्रियल पार्ट बनाने वाली कंपनी प्रिसिजन कास्टपार्ट्स कॉर्पोरेशन, पीसीसी (Precision Castparts Corp-PCC) को खरीदा था. पीसीसी को 2016 में 32.1 अरब डॉलर में खरीद गया था. यह काफी बड़ी डील थी. वॉनेर बफे ने माना है कि उन्होंने PCC को खरीदने में बहुत अधिक पैसे खर्च कर दिए. उन्होंने पत्र में साफ लिखा है कि मैं भविष्य की कमाई की औसत राशि को देखते हुए गलत था. जिसका परिणाम यह हुआ कि कारोबार के लिए जो मैंने निवेश किया उसमें मैं साबित हुआ. बता दें कि पिछले साल अगस्त में पीसीसी की वैल्यू करीब 9.8 अरब डॉलर यानी करीब 74 हजार करोड़ रुपये कम हो गई, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते हवाई यात्रा में भारी गिरावट आई थी और कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ.
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बफे ने अपने लिखा है कि उन्होंने एक अच्छी कंपनी खरीदी, जो शानदार बिजनस करती है और वह सौभाग्यशाली हैं कि पीसीसी के चीफ एग्जिक्युटिव मार्क डोनेगन अभी भी इंचार्ज हैं. लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि वह पीसीसी से होने वाले फायदे को लेकर कुछ ज्यादा ही सकारात्मक थे. पीसीसी ने 2020 में करीब हजारों लोगों को नौकरी से निकाला था.
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जब बफे को बेचना पड़ा था सोना
वॉरेन बफे ने अपनी पूरी गोल्ड होल्डिंग बेच दी है. रेगुलेटरी फाइलिंग को दी गई जानकारी के अनुसार, उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे ने 2020 की चौथी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के बीच सोने की ईंटें बेचीं. इससे पहले तीसरी तिमाही ने भी कंपनी ने सोना बेचा था. बता दें कि पिछले साल गर्मियों में जब बफे ने सोना खरीदा था, उस दौरान सोने की कीमत 2,065 डॉलर प्रति औंस थी. बफे सोने की बिक्री करना तब शुरू किया, जब सोने की कीमत 1,800 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गई. यानी इस निवेश से उन्हें 12.8 फीसदी नुकसान हुआ.
बांड में निवेश कितना उचित है?
पत्र में बफे ने कहा कि बांड का इन दिनों ज्यादा स्थान नहीं है. हाल ही में 10 वर्ष के अमेरिकी ट्रेजरी बांड से प्राप्त आय 0.93 प्रतिशत थी. सितंबर 1981 में उपलब्ध 15.8 प्रतिशत से 94 प्रतिशत गिर गई थी. जर्मनी और जापान जैसे कुछ बड़े और महत्वपूर्ण देशों में निवेशक अरबों डॉलर के सॉवरेन लोन पर नकारात्मक रिटर्न कमाते हैं. दुनिया भर में फिक्स्ड-इनकम निवेशक - चाहे पेंशन फंड, बीमा कंपनियां या रिटायर - भविष्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
'भ्रम रिएलिटी है!'
बफे कहते हैं, मार्केट को लेकर लंबे समय तक आपने भ्रम बनी रह सकती है. वॉल स्ट्रीट को वह फीस पसंद है जो डील-मेकिंग जेनरेट करता है और प्रेस को उन कहानियों से प्यार है जो रंगीन प्रमोटर प्रदान करते हैं. स्टॉक की बढ़ती कीमत भी खुद "प्रमाण" बन सकती है कि भ्रम एक रिएलिटी है.
जानिए, वाॅरेन बफे की बड़ी गलतियां
शेयरधारकों को लिखे पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे वह पीसीसी के बारे में गलत थे, उनका दांव उलटा पड़ गया था. बर्कशायर हैथवे ने 2016 में एयरक्राफ्ट और इंडस्ट्रियल पार्ट बनाने वाली कंपनी प्रिसिजन कास्टपार्ट्स कॉर्पोरेशन, पीसीसी (Precision Castparts Corp-PCC) को खरीदा था. पीसीसी को 2016 में 32.1 अरब डॉलर में खरीद गया था. यह काफी बड़ी डील थी. वॉनेर बफे ने माना है कि उन्होंने PCC को खरीदने में बहुत अधिक पैसे खर्च कर दिए. उन्होंने पत्र में साफ लिखा है कि मैं भविष्य की कमाई की औसत राशि को देखते हुए गलत था. जिसका परिणाम यह हुआ कि कारोबार के लिए जो मैंने निवेश किया उसमें मैं साबित हुआ. बता दें कि पिछले साल अगस्त में पीसीसी की वैल्यू करीब 9.8 अरब डॉलर यानी करीब 74 हजार करोड़ रुपये कम हो गई, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते हवाई यात्रा में भारी गिरावट आई थी और कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ.
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जब बफे को बेचना पड़ा था सोना
वॉरेन बफे ने अपनी पूरी गोल्ड होल्डिंग बेच दी है. रेगुलेटरी फाइलिंग को दी गई जानकारी के अनुसार, उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे ने 2020 की चौथी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के बीच सोने की ईंटें बेचीं. इससे पहले तीसरी तिमाही ने भी कंपनी ने सोना बेचा था. बता दें कि पिछले साल गर्मियों में जब बफे ने सोना खरीदा था, उस दौरान सोने की कीमत 2,065 डॉलर प्रति औंस थी. बफे सोने की बिक्री करना तब शुरू किया, जब सोने की कीमत 1,800 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गई. यानी इस निवेश से उन्हें 12.8 फीसदी नुकसान हुआ.
बांड में निवेश कितना उचित है?
पत्र में बफे ने कहा कि बांड का इन दिनों ज्यादा स्थान नहीं है. हाल ही में 10 वर्ष के अमेरिकी ट्रेजरी बांड से प्राप्त आय 0.93 प्रतिशत थी. सितंबर 1981 में उपलब्ध 15.8 प्रतिशत से 94 प्रतिशत गिर गई थी. जर्मनी और जापान जैसे कुछ बड़े और महत्वपूर्ण देशों में निवेशक अरबों डॉलर के सॉवरेन लोन पर नकारात्मक रिटर्न कमाते हैं. दुनिया भर में फिक्स्ड-इनकम निवेशक - चाहे पेंशन फंड, बीमा कंपनियां या रिटायर - भविष्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
'भ्रम रिएलिटी है!'
बफे कहते हैं, मार्केट को लेकर लंबे समय तक आपने भ्रम बनी रह सकती है. वॉल स्ट्रीट को वह फीस पसंद है जो डील-मेकिंग जेनरेट करता है और प्रेस को उन कहानियों से प्यार है जो रंगीन प्रमोटर प्रदान करते हैं. स्टॉक की बढ़ती कीमत भी खुद "प्रमाण" बन सकती है कि भ्रम एक रिएलिटी है.