नई दिल्ली. अगर आपने अब तक इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) नहीं भरा है तो इसकी आखिरी तारीख नजदीक आ रही है. 31 मार्च 2022 रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट है. इस अवधि तक जर्माने के साथ बिलेटेड आईटीआर (Belated ITR) भर सकते हैं. इस अवधि तक अगर आप आप आईटीआर नहीं भरते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है.
इसके अलावा, जिन लोगों ने अभी तक चालू वित्त वर्ष के लिए टैक्स प्लानिंग (Tax Planning) नहीं की है, वे अब आखिरी वक्त पर ऐसा कर रहे होंगे. वैसे तो टैक्स प्लानिंग सालभर चलने वाली एक्टिविटी है, लेकिन कई लोग वित्त वर्ष का आखिर आने पर ही इसे लेकर जागरूक होते हैं. यह स्ट्रैटेजी गलत है क्योंकि आखिरी वक्त पर टैक्स प्लानिंग में गलतियां होने की भी आशंका रहती है. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में, जिनसे बचना चाहिए.
टैक्स देनदारियों की जानकारी न होना
टैक्स प्लानिंग करने से पहले यह पता होना जरूरी है कि आपकी टैक्स देनदारी कितनी है. टैक्स देनदारियों के बारे में जानने के लिए सबसे पहले अपनी टोटल इनकम और अपने टैक्स स्लैब के बारे में जानना जरूरी है. इनकम के कई सोर्स होते हैं- सैलरी, बिजनेस, डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज, स्टॉक या म्यूचुअल फंड्स बेचने पर कैपिटल गेन्स, गिफ्ट्स आदि. हालांकि, हर आय टैक्सेबल नहीं होती.
निवेश रिटर्न के बारे में अपडेट रहें
हमेशा अपने टैक्स सेविंग विकल्प के रिटर्न की सालाना दर के बारे में अपडेट रहें. उस विकल्प के बारे में सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी के साथ उसका मिलान जरूर करें. रिटर्न की जानकारी होने से आपको पता रहेगा कि उसमें निवेश टैक्स बचाने में कितना मददगार है. क्या यह विकल्प फायदेमंद है भी या नहीं, या फिर किसी और विकल्प पर शिफ्ट होने की जरूरत है.
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लाइफ इंश्योरेंस
टैक्स बचाने (Tax Saving) के कई तरीके हैं और इनमें इंश्योरेंस भी शामिल है. लेकिन, सिर्फ टैक्स बचाने के मकसद से कोई पॉलिसी खरीदने पर पर्याप्त लाइफ कवर न मिलने और ऐक्सेप्टेबल इन्वेस्टमेंट रिटर्न न मिलने की आशंका रहती है. इसलिए लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) खरीदने से पहले अपने परिवार की जरूरत के अनुसार कवरेज का पता लगाने की कोशिश करें.
सिर्फ टैक्स बचाने पर ही फोकस
टैक्स प्लानिंग करते वक्त केवल टैक्स सेविंग पर ध्यान देने और निवेश को नजरअंदाज करने से आपके फंड बनाने का रास्ता बंद हो जाएगा. अच्छे टैक्स सेविंग्स प्लान के साथ फाइनेंशियल लक्ष्यों, वेल्थ क्रिएशन, आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए लिक्विडिटी की उपलब्धता और पर्याप्त हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस का होना जरूरी है. इसके अलावा, यह भी याद रखें कि किसी भी इन्वेस्टमेंट फॉर्म पर नियमों और शर्तों, रिस्क, लॉक-इन पीरियड और इन्वेस्टमेंट कॉस्ट, अच्छी तरह पढ़े बिना साइन न करें.
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Tags: Income tax, Income Tax Planning, Investment, ITR