नई दिल्ली . लाखों लोग अपनी मान्यातों और विश्वास के आधार पर विभिन्न धर्मार्थ और जनकल्याणकारी कामों के लिए आर्थिक सहयोग देते रहते हैं. सरकार ऐसे डोनेशन पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80G के तहत कुछ टैक्स बेनिफिट देती है. हालांकि अब इसका लाभ सिर्फ वही लोग ले सकते हैं जो पुरानी कर व्यवस्था चुनते हैं.
पारदर्शिता सुनिश्चित करने और फर्जी दान कर दावों को रोकने के लिए, सरकार ने हाल ही में नियमों में कुछ बदलाव किए है. सरकार ने प्रावधान किया है कि चैरिटेबल ट्रस्ट या संस्था, जो डोनेशन या दान पाते हैं, वे आईटी डिपार्टमेंट के पास डोनेशन का स्टेटमेंट फाइल करें. सरकार ने साल के दौरान पाए गए डोनेशनल की घोषणा के लिए फॉर्म 10BD (10बीडी) नोटिफाइड किया है. साथ ही, फॉर्म 10BD में दान का विवरण दाखिल करने के बाद, चैरिटेबल ट्रस्ट या संस्थान दाता को फॉर्म 10BE में दान का प्रमाण पत्र जारी करेंगे.
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अब चैरिटेबल ट्रस्ट या संस्था पर भी जिम्मेदारी
इस बदलाव से अब नियमों के पालन का बोझ धर्मार्थ संगठनों पर भी शिफ्ट हो गया है. यह सेक्शन 12A और 80G के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन के पुन: सत्यापन से शुरू होकर Form 10BD में डोनेशन के स्टेटमेंट फाइल करने तक है. । प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए फॉर्म 10BD तुरंत अगले वित्तीय वर्ष के 31 मई से पहले दाखिल करना होगा. यह निर्धारण वर्ष 2022-23, (वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए) से प्रभावी है और फॉर्म 10बीडी दाखिल करने की नियत तिथि 31 मई है.
क्या होगा इसका असर
इस बदलाव को थोड़ा गहराई से देखें तो इसका नियमों के पालन से परे दूरगामी असर भी होगा. नए संशोधन से पहले किसी दाता के लिए धारा 80जी कटौती का लाभ उठाने की प्रक्रिया काफी सरल थी. चैरिटेबल ट्रस्ट/संस्थान को केवल यह सुनिश्चित करना था कि दानकर्ता को वैध 80G प्रमाणपत्र के साथ दान रसीद जारी की गई थी. जिसके आधार पर दाता को दिए गए दान के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय धारा 80 जी के तहत टैक्स कटौती आसानी से मिल जाएगी.
गलत फायदा उठाना आसान नहीं होगा
इसके अलावा, चैरिटेबल ट्रस्ट या संस्था के पास यह सुनिश्चित करने के लिए कोई अन्य दायित्व या तारीका नहीं था कि दाता धारा 80 जी के अन्दर टैक्स बेनिफिट के लिए योग्य था की नहीं.
अब, संशोधन के बाद, दाता धारा 80G के तहत कटौती का लाभ तभी उठा सकता है, जब ट्रस्ट या संस्थान (प्राप्तकर्ता) दान के बारे में फॉर्म 10BD के माध्यम से I-T विभाग को सही जानकारी देगा. इसके बाद यह दाता को एक प्रमाण पत्र (फॉर्म 10बीई) जारी करता है. आयकर रिटर्न दाखिल करते समय यह कटौती पहले से भरी जाएगी.
क्या-क्या जानकारी चाहिए
Form 10BD के लिए डोनर (दाता) का नाम और पता, दाता का यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (आधार, पैन, पासपोर्ट और इसी तरह), यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर के जारी होने की तारीख, दान का प्रकार (चाहे वह कॉर्पस, विशिष्ट अनुदान, या अन्य) की आवश्यकता होती है. दान रसीद मोड (नकद, वस्तु, चेक या डिजिटल मोड), दान राशि (और मुद्रा) भी बतानी होती है. फॉर्म 10बीडी को आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल किया जा सकता है.
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