सिर्फ टैक्स सेविंग्स के लिए इन्वेस्टमेंट करने बचना चाहिए. (फोटो: न्यूज18)
नई दिल्ली. अब साल का वो समय चल रहा है जब लोगों ने अपनी टैक्स सेविंग्स के लिए मशक्कत करनी शुरू कर दी है. हर कोई कोशिश करता है कि वह ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचा सके. ऐसे में कई लोग ऐसी टैक्स सेविंग्स स्कीम में निवेश कर देते हैं जो उनके लिए बिलकुल सही नहीं होते हैं. यह ठीक वैसा ही है जैसे आप कोई चीज सिर्फ इसलिए खरीद लेते हैं क्योंकि उसपर अच्छा डिस्काउंट मिल रहा है लेकिन वास्तव में वह आपके कोई काम की नहीं होती.
ऐसे में आपको यह समझना चाहिए कि सिर्फ टैक्स बचाना ही काफी नहीं है. हालांकि, टैक्स सेविंग्स भी जरूरी है लेकिन इसके लिए आपको बिना सोचे समझे कहीं निवेश नहीं करना चाहिए. कहने का मतलब यह है कि आपको निवेश टैक्स सेविंग्स के लिए नहीं करना है बल्कि यह आपके इनवेस्टमेंट प्लान का हिस्सा होना चाहिए.
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लोगों से कहां हो जाती है चूक
हर साल यही देखा जाता है कि जनवरी आते ही लोग टैक्स सेविंग्स के लिए जल्दबाजी शुरू कर देते हैं. कई लोगों को टैक्स सेविंग्स के लिए सेक्शन 80सी, 80D, 80E, 24B के तहत आने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शंस की जानकारी होती है लेकिन इसके बावजूद वे अपने फाइनेंशियल गोल के हिसाब से टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट करने में असफल रहते हैं. पहले आपको अपने फाइनेंशियल गोल्स को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए. इसके बाद उन्हें ध्यान में रखते हुए इन्वेस्टमेंट के लिए प्लानिंग करें तो इससे आपका गोल भी पूरा होगा और उससे टैक्स सेविंग्स भी हो जाएगी.
किस तरह के इन्वेस्टमेंट ऑप्शन को चुनें
टैक्स सेविंग के लिए इन्वेस्टमेंट ऑप्शन को चुनने से पहले यह देखना चाहिए कि आपको उसकी सच में जरूरत है या नहीं. सेक्शन 80C के तहत ईपीएफ में योगदान, बच्चों की ट्यूशन फीस, होम लोन के भुगतान, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम आदि पर आपको टैक्स डिडक्शन की सुविधा मिलती है. इसके अलावा आपको इंश्योरेंस कवर पर भी टैक्स डिडक्शन मिलता है. अगर सेक्शन 80C के तहत आने वाले टैक्स सेविंग्स ऑप्शन आपके लिए काफ़ी नहीं है तो आप बाकी ऑप्शन के बारे में सोच सकते हैं.
फाइनेंशियल गोल को ऐसे सेट करें
आपको आने वाले समय में अपनी वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फाइनेंशियल गोल को सेट करना चाहिए. जैसे बच्चों की पढ़ाई, शादी, होम लोन आदि. वहीं रिटायरमेंट की प्लानिंग को देखते हुए रिटायरमेंट कॉर्पस में पीएफ योगदान अगर कम है तो आप इसे बढ़ा सकते हैं. इससे आपको सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलेगी. इसके अलावा एनपीएस में हर साल 50 हजार रुपये के निवेश पर अतिरिक्त टैक्स बेनेफिट मिलता है. यह आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग में यह मदद कर सकता है. इस पर आपको अतिरिक्त टैक्स छूट भी मिल जाएगी.
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