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काम की बात! टैक्स स्लैब में हुआ बदलाव, टैक्सपेयर्स नई और पुराने टैक्स रिजीम में कितनी बार कर सकते हैं स्विच, जान लें नियम

नई और पुरानी टैक्स प्रणाली

नई और पुरानी टैक्स प्रणाली

लंबे समय से इंतजार करे टैक्सपैयर्स (Taxpayers) को इस बार बजट में बड़ी राहत मिली है. सरकार ने 7 लाख से कम आय वालों को इनक ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

टैक्सपैयर्स अपनी मर्जी से नई और पुरानी व्यवस्था का चुनाव कर सकते हैं.
लेकिन दोनों के लिए नियम अलग अलग बनाए गए हैं.
सरकार ने नई रिजीम के तहत टैक्‍स स्‍लैब में भी बदलाव किया है.

नई दिल्ली. लंबे समय से इंतजार करे टैक्सपैयर्स (Taxpayers) को इस बार बजट में बड़ी राहत मिली है. सरकार ने 7 लाख से कम आय वालों को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि अब 7 लाख से कम आय वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि, यह लाभ केवल नई टैक्स रिजीम को चुनने वालों को मिलेगा. वहीं 3 लाख रुपये तक आय वाले सभी लोगों पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा. वित्त मंत्री ने बजट में नया आयकर स्लैब पेश किया. बता दें कि साल 2020 में वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजीम का ऑप्शन दिया था. नए टैक्स सिस्टम (New tax system) में टैक्सपेयर को कुछ अतिरिक्त छूट दी गईं. 1 अप्रैल 2020 से नया टैक्स सिस्टम लागू है.

लेकिन 60 लाख रुपये से अधिक की आय वालों को नई कर व्यवस्था फायदेमंद लग सकती है, जबकि कम आय वर्ग के लोग जो कई कटौती का दावा करते हैं, वे अभी भी पुरानी कर व्यवस्था को बेहतर मानते हैं. देश की जनता अपनी मर्जी से नई और पुरानी व्यवस्था का चुनाव कर सकती है, लेकिन दोनों के लिए नियम अलग अलग बनाए गए हैं.

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नौकरीपेशा व्यक्ति हर साल कर सकता है स्विच
टैक्सपेयर्स पुराने टैक्स स्लैब से नए स्लैब में जा सकते हैं और वे नए स्लैब से फिर पुराने स्लैब में वापस आ सकते हैं. हालांकि यह छूट कुछ खास वर्ग के टैक्सपेयर्स के लिए ही है. जिनमें नौकरीपेशा व्यक्ति शामिल है. नौकरीपेशा हर वित्त वर्ष में टैक्स स्लैब स्विच कर सकते हैं. जिनकी सैलेरी, किराए या अन्य सोर्स से आय है, वे हर बार टैक्स स्लैब बदल सकते हैं.

बिजनेसमैन सकते हैं सिर्फ एक बार
बिजनेस से इनकम करने वाले टैक्सपेयर्स के पास नई या पुरानी व्यवस्था में किसी एक को चुनने का सिर्फ एक मौका होगा. अगर आपकी बिजनेस से इनकम है तो आप सिर्फ एक बार शिफ्ट कर सकते हैं. बिजनेसमैन एक बार स्विच करने पर वापस नहीं आ सकते. कंसल्टेंसी से आय वाले टैक्सपेयर्स की इनकम बिजनेस के तहत आती है.

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7 लाख तक नहीं देना होगा टैक्स
साथ ही बजट में नए और पुराने टैक्‍स स्‍लैब में रिबेट की लिमिट को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है. इसका मतलब हुआ कि अब 7 लाख रुपये की कमाई तक कोई टैक्‍स नहीं लगेगा. रिबेट के अलावा टैक्‍स पर सीधी छूट भी 50 हजार रुपये बढ़ा दी है. यानी पहले जहां 2.5 लाख तक की सीधी टैक्‍स छूट थी, वह अब 3 लाख रुपये कर दिया गया है.

स्लैब में हुआ ये बदलाव
सरकार ने नई रिजीम के तहत टैक्‍स स्‍लैब में भी बदलाव किया है. अब 25% प्रतिशत वाले स्लैब को खत्म कर दिया है. पहले 12,50,001 से 15 लाख रुपये तक की आय वालों को 25 प्रतिशत टैक्स देना होता था, लेकिन अब 12,00,001 रुपये से 15 लाख रूपये तक की आय को 20 प्रतिशत वाले स्लैब में रख दिया है. इसके अलावा अब 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों को सीधे 30 प्रतिशत वाले स्लैब में रखा गया है.

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