नई दिल्ली. अपना घर खरीदने के सपनों को पूरा करने के लिए होम लोन (Home Loan) एक जरूरी माध्यम बन गया है. अक्सर लोगों की लोन एप्लिकेशन कैंसल हो जाती है. कुछ छोटी-छोटी गलतियों की वजह से उन्हें लोन नहीं मिल पाता. होम लोन लेकर घर खरीदना आसान है, लेकिन लंबी अवधि का यह कर्ज सभी को नहीं मिलता है.
लोन देने वाले बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां कई मानदंडों पर आवेदक की जांच पड़ताल करते हैं. कर्ज पर निर्भरता और पेमेंट हिस्ट्री के साथ-साथ आवेदक की योग्यता, अनुभव, परिवार में आश्रितों की संख्या आदि इनमें शामिल हैं. इनमें से कोई भी मानदंड पूरा न होने पर आवेदन कैंसिल हो सकता है. आइए जानते हैं ये मानदंड क्या हैं…
100% लोन नहीं मिलता, गारंटी भी देनी पड़ सकती है
डाउन पेमेंट: कर्जदाता प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य (LTV) का केवल 80% लोन देते हैं (30 लाख रुपए से कम मूल्य के होम लोन के मामले में 90% तक). बाकी पैसे यानी डाउन पेमेंट का इंतजाम आपको खुद करना होगा.
गारंटी: कुछ मामलों में कर्जदाता किसी प्रॉपर्टी या कार की गारंटी देने के लिए कह सकते हैं. आप लोन नहीं चुकाएंगे तो कर्जदाता प्रॉपर्टी या कार पर कब्जा कर सकता है. लोन के लिए बैंक को कभी भी कोई गलत जानकारी न दें.
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क्रेडिट यूज: यदि आपके नाम पर ज्यादा लोन खाते चल रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में होम लोन के लिए आपका आवेदन मंजूर होने की संभावना कम हो जाएगी.
पेमेंट हिस्ट्री: आपकी क्रेडिट और पेमेंट हिस्ट्री बताती है कि आपने पहले देनदारियां कैसे संभाली थी और आप कर्ज चुकाने में कितने सक्षम हैं. क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर तैयार किया जाता है.
आय: आपको कितना होम लोन मिलेगा, यह बहुत हद तक आपकी आय पर निर्भर करता है. आय जितनी अधिक होगी, बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी उतनी ही ज्यादा रकम बतौर होम लोन देने के लिए तैयार होगी.
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कार्ड एप्लीकेशन: कुछ बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां एक साथ कई नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने को आपके वित्तीय संकट में होने का संकेत मानती हैं. हालांकि, कई कर्जदाता मोर्टगेज लोन, कार लोन या एजुकेशन लोन के लिए किए गए आवेदनों की चिंता नहीं करते हैं.
डॉक्यूमेंटेशन: कर्जदाता आपकी बचत और सेवानिवृत्ति खातों को सत्यापित करने के लिए आपके हालिया भुगतान की रसीदें चाहते हैं. बैंक का हामीदारी विभाग किसी विसंगति या अंतराल को स्पष्ट करने के लिए भी आपसे संपर्क कर सकता है.
निवास: यदि आप मकान लेने से पहले किराएदार थे, तो कर्जदाता आपके पिछले मकान मालिक से संपर्क की जानकारी मांगेंगे. यदि आपने संपत्ति बंधक रखी है, तो वे पेमेंट हिस्ट्री भी बारीकी से देखेंगे.
आयु: होम लोन लेने की आपकी पात्रता एक निश्चित अवधि के लिए आंकी जाती है जिसे कार्यकाल कहा जाता है. कार्यकाल यानी लोन कितने समय के लिए मिलेगा, यह आपकी उम्र और एक निश्चित अवधि में लोन चुकाने की आपकी क्षमता से तय होता है.
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आश्रित: आपकी आय इतनी होनी चाहिए कि आश्रितों की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ होम लोन की किस्तें भी समय पर चुका सकें. बैंक या हाउसिंग कंपनियां निश्चित दायित्व से आय अनुपात की गणना करते हैं.
योग्यता और अनुभव: यदि आप वेतनभोगी हैं, तो होम लोन पाने के लिए न्यूनतम तीन साल का अनुभव जरूरी है. यदि बिजनेस करते हैं तो यह जरूरी है कि आपकी कंपनी या यूनिट बीते कुछ सालों से लगातार मुनाफे में हो. कंपनी के नाम से टैक्स रिटर्न भी नियमित रूप से फाइल होना जरूरी है.
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