जानिए किन फैसलों की वजह से 94 साल पुराने इस बैंक का सबकुछ बदल गया, पढ़ें पूरी डिटेल्स

लक्ष्मी विलास बैंक
कुछ सप्ताह पहले ही भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक आदेश के तहत लक्ष्मी विलास बैंक पर मोरेटोरियम लागू कर दिया था. इसके बाद खाताधारक पर 25000 रुपये तक ही निकालने का प्रतिबंध लग गया था. लेकिन, आरबीआई के इस फैसले के पीछे की स्थिति पिछले साल ही बन गई थी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 28, 2020, 4:29 PM IST
नई दिल्ली. इसी महीने 17 नवंबर को शाम 6 बजे RBI ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) पर बैंकिंग विनियम अधिनियम की धारा 45 के तहत मोरेटोरियम (Moratorium on LVB) लागू कर दिया. आरबीआई ने आदेश दिया कि अब खाताधारक अपने खातों से 25,000 रुपये से ज्यादा की राशि नहीं निकाल सकते हैं. हालांकि, यह फैसला अचानक नहीं था. करीब एक साल से इस पर चर्चा हो रही थी. लेकिन जब ये सब कुछ हुआ तो शेयरधारकों ने बैंक के पूरे बोर्ड को भंग कर दिया. आइए जानते हैं कि कैसे आरबीआई को इस फैसले पर पहुंचना पड़ा.
15 जून: लक्ष्मी विलास बैंक को क्लिक्स कैपिटल सर्विसेज (Clix Capital Services) से प्रारंभिक गैर-बाध्यकारी पत्र (Non-Binding LoI) प्राप्त हुआ. ऋणदाता ने बताया कि उन्हें क्लिक्स कैपिटल सर्विसेज़ से प्रारंभिक, गैर-बाध्यकारी पत्र मिला है. यह भी कहा कि बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में LoI पर विचार विमर्श करने को कहा है.
16 सितंबर: एलवीबी के शेयरों में क्लिक्स ग्रुप के साथ विलय पर 10 प्रतिशत ऊपरी सर्किट (Upper Circuit) लगा. एलवीबी के शेयरों पर यह सर्कित तब लगा जब उसने कहा कि क्लिक्स ग्रुप के साथ विलय को लेकर आपसी सहमति बन गई है और अब दोनों पक्ष अगले कदम पर चर्चा कर रहे हैं.
25 सितंबर: भारतीय बैंकिंग इंडस्ट्री में यह पहली बार हुआ कि किसी बैंक के सभी बोर्ड मेंबर्स को हटा दिया गया. 7 सदस्यीय इस बोर्ड मेंबर में नॉन-एग्जीक्युटिव व नॉन-इंडिपेंडेंट मेंबर्स भी शामिल थे.यह भी पढ़ें: पोस्ट ऑफिस अकाउंट होल्डर्स को 11 दिसंबर तक पूरा करना है ये काम, नहीं तो बंद हो जाएगा खाता!
28 सितंबर: आरबीआई ने LVB के विज्ञापन-अंतरिम एमडी और सीईओ के रूप में कार्य करने के लिए 3-सदस्यीय समिति को मंजूरी दिया. आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए 3 स्वतंत्र निदेशकों से बनी एक समिति (CoD) को अनुमति दी. जिसके तहत सीओडी अस्थायी रूप से एमडी और सीईओ की पावर का इस्तेमाल कर सकता है.
9 अक्टूबर: क्लिक्स समूह लक्ष्मी विलास बैंक के लिए एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव तैयार किया. हालांकि, Clix ने यह साफ नहीं किया कि वो LVB में कितना पैसा लगा रहा है. Clix के पास 1800 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी थी. बीएसई पर स्टॉक 16 प्रतिशत बढ़कर 20.65 रुपये प्रति शेयर हो गया.
17 नवंबर: RBI ने LVB को मोरेटोरियम के तहत रखा और DBS बैंक इंडिया के साथ विलय का प्रस्ताव दिया. 17 नवंबर को बैंक के संचालन को फ्रीज करने के बाद देश के नियामक ने डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के विलय की मसौदा योजना की घोषणा की. डीबीएस इंडिया में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय की डील में डीबीएस इंडिया को 563 ब्रांच, 974 एटीएम और रिटेल बिजनेस में 1.6 अरब डॉलर की फ्रेंचाइजी मिलेगी.
यह भी पढ़ें: SBI के बाद अब PNB ने अपने करोड़ों ग्राहकों को किया अलर्ट! भूलकर भी न करें ये गलती
18 नवंबर: शुरुआती कारोबार में शेयर एनएसई पर 20 प्रतिशत कम होकर 12.45 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार किया. केंद्रीय बैंक ने एलवीबी के जमाकर्ताओं को आश्वासन दिया कि उनका ब्याज पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और उन्होंने जमाकर्ताओं को घबराने के लिए नहीं कहा है.
19 नवंबर: RBI LVB की गड़बड़ी को दूर करने में रहा व्यस्त
27 नवंबर: लक्ष्मी विलास बैंक अब डीबीएस इंडिया हो चुका है.
15 जून: लक्ष्मी विलास बैंक को क्लिक्स कैपिटल सर्विसेज (Clix Capital Services) से प्रारंभिक गैर-बाध्यकारी पत्र (Non-Binding LoI) प्राप्त हुआ. ऋणदाता ने बताया कि उन्हें क्लिक्स कैपिटल सर्विसेज़ से प्रारंभिक, गैर-बाध्यकारी पत्र मिला है. यह भी कहा कि बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में LoI पर विचार विमर्श करने को कहा है.
16 सितंबर: एलवीबी के शेयरों में क्लिक्स ग्रुप के साथ विलय पर 10 प्रतिशत ऊपरी सर्किट (Upper Circuit) लगा. एलवीबी के शेयरों पर यह सर्कित तब लगा जब उसने कहा कि क्लिक्स ग्रुप के साथ विलय को लेकर आपसी सहमति बन गई है और अब दोनों पक्ष अगले कदम पर चर्चा कर रहे हैं.
25 सितंबर: भारतीय बैंकिंग इंडस्ट्री में यह पहली बार हुआ कि किसी बैंक के सभी बोर्ड मेंबर्स को हटा दिया गया. 7 सदस्यीय इस बोर्ड मेंबर में नॉन-एग्जीक्युटिव व नॉन-इंडिपेंडेंट मेंबर्स भी शामिल थे.यह भी पढ़ें: पोस्ट ऑफिस अकाउंट होल्डर्स को 11 दिसंबर तक पूरा करना है ये काम, नहीं तो बंद हो जाएगा खाता!
28 सितंबर: आरबीआई ने LVB के विज्ञापन-अंतरिम एमडी और सीईओ के रूप में कार्य करने के लिए 3-सदस्यीय समिति को मंजूरी दिया. आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) के दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए 3 स्वतंत्र निदेशकों से बनी एक समिति (CoD) को अनुमति दी. जिसके तहत सीओडी अस्थायी रूप से एमडी और सीईओ की पावर का इस्तेमाल कर सकता है.
9 अक्टूबर: क्लिक्स समूह लक्ष्मी विलास बैंक के लिए एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव तैयार किया. हालांकि, Clix ने यह साफ नहीं किया कि वो LVB में कितना पैसा लगा रहा है. Clix के पास 1800 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी थी. बीएसई पर स्टॉक 16 प्रतिशत बढ़कर 20.65 रुपये प्रति शेयर हो गया.
17 नवंबर: RBI ने LVB को मोरेटोरियम के तहत रखा और DBS बैंक इंडिया के साथ विलय का प्रस्ताव दिया. 17 नवंबर को बैंक के संचालन को फ्रीज करने के बाद देश के नियामक ने डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के विलय की मसौदा योजना की घोषणा की. डीबीएस इंडिया में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय की डील में डीबीएस इंडिया को 563 ब्रांच, 974 एटीएम और रिटेल बिजनेस में 1.6 अरब डॉलर की फ्रेंचाइजी मिलेगी.
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18 नवंबर: शुरुआती कारोबार में शेयर एनएसई पर 20 प्रतिशत कम होकर 12.45 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार किया. केंद्रीय बैंक ने एलवीबी के जमाकर्ताओं को आश्वासन दिया कि उनका ब्याज पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और उन्होंने जमाकर्ताओं को घबराने के लिए नहीं कहा है.
19 नवंबर: RBI LVB की गड़बड़ी को दूर करने में रहा व्यस्त
27 नवंबर: लक्ष्मी विलास बैंक अब डीबीएस इंडिया हो चुका है.