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क्‍या भारत में भी 5G से हवाई जहाज की उड़ान पर लगेगा ब्रेक? जानिये TRAI का क्‍या है मानना

एयरलाइन्‍स का कहना है कि 5जी के प्रभाव से विमान के रेडियो एल्टिमीटर पर इंजन और ब्रेकिंग प्रणाली रुक सकती है.

एयरलाइन्‍स का कहना है कि 5जी के प्रभाव से विमान के रेडियो एल्टिमीटर पर इंजन और ब्रेकिंग प्रणाली रुक सकती है.

5G सेवा शुरू होने पर अमेरिका के कुछ हवाई अड्डों के लिये एयर इंडिया सहित कई इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अपनी फ्लाइट्स बुधवार क ...अधिक पढ़ें

नई दिल्‍ली. 5G मोबाइल फोन सेवा के विमान प्रौद्योगिकी पर पड़ने वाले कथित दुष्‍प्रभाव का मुद्दा भारत में भी 5G सेवा शुरू करने में आड़े आ सकता है. इसी को देखते हुये टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) 5G स्‍पेक्‍ट्रम (5G spectrum) की कीमत को लेकर होने वाले कंस्‍लटेशन में स्‍पष्‍टीकरण जारी कर सकता है. लाइव मिंट में छपी एक खबर के मुताबिक, ट्राई से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि ट्राई का मानना है कि भारत में 5जी सेवा (5G in India) शुरू होने से विमानों के संचालन (Flight Operations) पर कोई दुष्‍प्रभाव नहीं पड़ेगा.

गौरतलब है कि अमेरिका में 5G सेवा शुरू होने पर एयर इंडिया (Air India) सहित बहुत-सी अंतरराष्‍ट्रीय एयरलाइन्‍स ने अमेरिका के कुछ हवाई अड्डों के लिये अपनी फ्लाइट्स बुधवार को रद्द कर दी थी. एयरलाइन्‍स का कहना है कि विमान के रेडियो एल्टिमीटर पर 5G के प्रभाव से इंजन और ब्रेकिंग प्रणाली रुक सकती है जिससे विमान को रनवे पर रोकने में दिक्कत आ सकती है. इसके बाद यह 5G सेवायें पूरी दुनिया में विवादों में आ गई है.

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लाइव मिंट को दो सूत्रों ने बताया कि भारत में 5G तकनीक के प्रयोग से विमान सेवाओं के परिचालन पर कोई नकारात्‍मक असर नहीं होगा. 5G के लिये 3.3GHz to 3.6GHz बैंड निर्धारित किये गये हैं. यह दोनों बैंड ही एयरलाइन एल्‍टीमीटर्स (Airline Altimeters) द्वारा प्रयोग किये जा रहे 4.2Ghz बैंड से काफी नीचे है. दोनों बैंड के बीच में पर्याप्‍त दूरी है. इससे इनके एक-दूसरे में व्‍यवधान करने की संभावना न के बराबर है.

बैंड में दूरी से नहीं होगी कोई दिक्कत

ट्राई से जुड़े एक अन्‍य सूत्र ने लाइव मिंट को बताया कि ट्राई इस पूरे मामले से परिचित है. भारत में 5G सेवा शुरू करने में यह मुद्दा आड़े नहीं आयेगा. ऐसा इसलिये है क्‍योंकि 5G के लिये निर्धारित बैंड और एयरलाइंस द्वारा प्रयोग किये जा रहे बैंड के बीच उचित दूरी है. अभी 5G स्‍पेक्‍ट्रम की कीमतों (5G Spectrum Pricing) को लेकर स्‍टेक होल्‍डर के साथ परामर्श जारी है. 24 जनवरी तक 5जी के संबंध में सुझाव दे सकते हैं. इसके बाद ट्राई एक ऑपन हाउस डिस्‍कशन का आयोजन करेगा. इसके बाद ही ट्राई 5G पर रिक्‍मंडेशन जारी करेगा. सूत्र का कहना है कि इस रिक्‍मंडेशन में 5G के विमान सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में स्‍पष्‍टीकरण भी होगा.

बुधवार को एयर इंडिया सहित कई अन्‍य इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अमेरिका के लिये अपनी कुछ फ्लाइट्स को रद्द कर दिया था. ऐसा कुछ हवाई अड्डों पर 5G तकनीक लागू किये जाने के कारण किया गया. इस सप्‍ताह के शुरू में एयरलाइंन्‍स ने अमेरिकी एविएशन रेगुलेटर (US Aviation Regulator) को पत्र लिखकर कहा था कि 5G तकनीक के कारण विमानों के संचालन में गंभीर व्‍यवधान पैदा हो सकता है, क्‍योंकि 5G तकनीक विमान के आटोमेटिड लैंडिंग में प्रयोग होने वाले अल्टिमीटर को डिस्‍ट्रब कर सकती है.

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COAI ने भी बताया सुरक्षित

वहीं, सेल्‍यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) 5G तकनीक से विमान सेवाओं के परिचालन में विघ्‍न पड़ने की जताई जा रही संभावनायें बेबुनियाद है. सीओएआई के डायरेक्‍टर जनरल एसपी कोचर ने कहा, “हम फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलेट्स (Federation of Indian Pilots) द्वारा जताई गई चिंताओं को समझते हैं. यह मुद्दा पहले भी उठ चुका है. लेकिन अथॉरिटी ने स्‍पेक्‍ट्रम इंटरफेरेंस को असंपुष्‍ट (Uncorroborated) पाया.” कोचर का कहना है कि दोनों फ्रैंक्‍वेंसी के बीच में 530 MHz की दूरी है. इसलिये 5G तकनीक एविशन के लिये कोई खतरा नहीं है.

Tags: 5G Technology, Air Lines, TRAI

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