नई दिल्ली. देश में वाहन चोरी के मामले बढ़ रहे हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 के मुकाबले 2019 में 28 फीसदी वाहन चोरी के मामले बढ़े हैं. इसका एक बड़ा कारण वाहनों के लिए सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन न होना है. सरकार द्वारा वाहन चोरी रोकने के लिए व्हीकल अलार्म सिस्टम (वीएएस) संबंधित गाइड लाइन जारी की गयी है, लेकिन कुछ चुनिंदा वाहनों या मॉडलों को छोड़कर अन्य वाहनों में पालन नहीं हो पा रहा है. एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर सभी वाहनों में गाइड लाइन का पालन हो तो काफी हद तक वाहनों की चोरी रोकी जा सकती है.
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) में दर्ज मामलों के अनुसार वर्ष 2015 में 185626 वाहन पूरे देश से चोरी हुए . वहीं, वर्ष 2019 में 238150 वाहन चोरी हुए हैं. इस तरह वाहन चोरी की घटनाएं 2014 के मुकाबले 2019 में 28 फीसदी तक बढ़ गयी हैं. अगर क्राइम रेट की बात करें तो प्रति एक लाख जनसंख्या 2014 के मुकाबले 2019 में 19 फीसदी बढ़ा है.
सरकार ने वाहन चोरी रोकने के लिए व्हीकल अलार्म सिस्टम (वीएएस) गाइड लाइन जारी की है. जो आटोमोबाइल स्टैंडर्ड इंस्डस्ट्री (एआईएस) 076 के अनुरूप है, लेकिन यह पूरी तरह से लागू नहीं है.
पूरी तरह से लागू न होने के कारण
. एआईएस 076 स्टैंडर्ड अनिवार्य नहीं है. यानी प्रोडक्शन के दौरान यह तकनीक लगाने की जिम्मेदारी वाहन निर्माता की नहीं है, लेकिन सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइन में शामिल है. यही वजह है कि ज्यादातर वाहनों में चोरी से बचाव के उपाय नहीं होते हैं.
. पैसेंजर कंपार्टमेंट में एआईएस 076 के तहत अलार्म सिस्टम का विकल्प मौजूद है, लेकिन शीशे तोड़ने की स्थिति में वाहन स्वामी के पास अलार्म बजने या मैसेज भेजने की कोई तकनीक नहीं है.
. इम्मोबिलाइज़र तकनीक (जो एआईएस 075 और एआईएस 076 मानक के शामिल है) अनिवार्य नहीं है. यह इम्मोबिलाइज़र तकनीक सुनिश्चित करता है कि वाहन की ओरिजनल चाबी के बगैर स्टार्ट नहीं होगा. दरअसल चाबी में एक चिप लगी होती है, जिससे इंजन कनेक्ट होने के बाद ही स्टार्ट होती है. जिससे किसी भी डुप्लीकेट चाबी से कोई भी वाहन स्टार्ट नहीं हो सके और वाहन चोरी की संभावना कम होगी.
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वाहन चोरी रोकने को नहीं हैं एक मानक
वाहनों को चोरी से बचाव के लिए वाहन सेफ्टी स्टैंडर्ड एक समान नहीं हैं, यानी नोडल एजेंसी द्वारा सुझाया जरूर गया है, लेकिन अनिवार्य नहीं किया गया है. यही वजह है कि कुछ चुनिंदा मॉडलों या वाहनों को छोड़ सभी वाहनों में पालन नहीं किया जाता है. वाहनों के अंदर सामान की चोरी रोकने के बजाए वाहनों अलार्म सिस्टम का उपयोग करके वाहनों की चोरी रोकने पर ध्यान देना चाहिए.
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इस तरह वाहन चोरी हो सकती है कम
वाहनों की चोरी रोकने के लिए वाहनों में तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. एआईएस 076 गाइड लाइन के अनुसार वाहनों में व्हीकल अलार्म सिस्टम अनिवार्य करना चाहिए. इसी तरह पैसेंजर कंपार्टमेंट में अतिरिक्त सुरक्षा सुविधा या अलार्म अनिवार्य करना चाहिए. एआईएस 076 और एआईएस 075 की गाइड लाइन के अनुसार वाहनों में इम्मोबिलाइज़र तकनीक अनिवार्य करना चाहिए. मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वाहन चोरी की घटनाओं को कम करने के लिए मंत्रालय जल्द ही फैसला ले सकता है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में हुए वाहन चोरी की घटनाओं पर एक नजर
वर्ष चोरी हुए वाहन घटनाओं में वृद्धि
2014 1,85,626
2015 1,99,127 7 फीसदी
2016 2,13,834 15 फीसदी
2017 2,25,714 22 फीसदी
2018 2,33,996 26 फीसदी
2019 2,38,150 28 फीसदी
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