Samsung इलेक्ट्रॉनिक्स के वाइस चेयरमैन जे वाई ली को ढाई साल की सजा, जानें वजह

सियोल हाईकोर्ट के सजा सुनाने के बाद ली सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की अहम बैठकों में शामिल नहीं हो सकेंगे.
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स (Samsung Electronics) के वाइस चेयरमैन जेवाई ली (Jay Y Lee) को साउथ कोरिया की एक अदालत ने पूर्व प्रेसिडेंट पार्क गॉन हे (Park Geun hye) के एक सहयोगी को घूस (Bribe) देने के आरोप में सजा दी है. आइए जानते हैं पूरा मामला...
- News18Hindi
- Last Updated: January 18, 2021, 3:49 PM IST
नई दिल्ली. सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स (Samsung Electronics) के 52 साल के वाइस चेयरमैन जे वाई ली (Jay Y. Lee) को दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने घूसखोरी के मामले (Bribery Case) में ढाई साल कैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ कंपनी की लीडरशिप और बड़े कारोबार को लेकर दक्षिण कोरिया (South Korea) के नजरिये में भी बदलाव आया है. अब जे वाई ली सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के अहम फैसलों में शामिल नहीं होंगे. बता दें कि इन बैठकों में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को पीछे छोड़ने और कंपनी को संभालने से जुड़ी नीतियों पर फैसला होता है. कंपनी पर नियंत्रण रखने के लिए ये बैठकें अहम होती हैं.
ली पर पूर्व प्रेसिडेंट पार्क गॉन हे (Park Geun-hye) के एक सहयोगी को घूस देने का आरोप है. इस वजह से वह 2017 में भी जेल (Imprisonment) जा चुके हैं. फिर उन्होंने घूस देने के आरोपों से इनकार करते हुए अपील की. इसके बाद उनकी सजा कम कर दी गई और वो एक साल बाद जेल से बाहर आ गए. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह मामला सियोल हाईकोर्ट (Seoul High Court) में भेज दिया. सियोल हाईकोर्ट ने ली को घूस देने का दोषी पाया और ढाई साल कैद की सजा सुना दी.
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सुप्रीम कोर्ट में कर सकते हैं अपील, राहत की गुंजाइश कमसाउथ कोरिया के कानून के मुताबिक, तीन साल या इससे कम साल की सजा को ही खारिज किया जा सकता है. अगर किसी को इससे लंबी कैद होती है तो उसे अपनी सजा पूरी करनी होगी. ली को हुई ढाई साल कैद की सजा में से उनके डिटेंशनल सेंटर में रहने के वक्त को घटाया जा सकता है. संभव है कि सियोल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए. इस मामले में लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में एक बार फैसला सुना चुका है. ऐसे में अब हाईकोर्ट के फैसले में बदलाव की गुंजाइश कम ही है.
ली पर पूर्व प्रेसिडेंट पार्क गॉन हे (Park Geun-hye) के एक सहयोगी को घूस देने का आरोप है. इस वजह से वह 2017 में भी जेल (Imprisonment) जा चुके हैं. फिर उन्होंने घूस देने के आरोपों से इनकार करते हुए अपील की. इसके बाद उनकी सजा कम कर दी गई और वो एक साल बाद जेल से बाहर आ गए. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह मामला सियोल हाईकोर्ट (Seoul High Court) में भेज दिया. सियोल हाईकोर्ट ने ली को घूस देने का दोषी पाया और ढाई साल कैद की सजा सुना दी.
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सुप्रीम कोर्ट में कर सकते हैं अपील, राहत की गुंजाइश कमसाउथ कोरिया के कानून के मुताबिक, तीन साल या इससे कम साल की सजा को ही खारिज किया जा सकता है. अगर किसी को इससे लंबी कैद होती है तो उसे अपनी सजा पूरी करनी होगी. ली को हुई ढाई साल कैद की सजा में से उनके डिटेंशनल सेंटर में रहने के वक्त को घटाया जा सकता है. संभव है कि सियोल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए. इस मामले में लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में एक बार फैसला सुना चुका है. ऐसे में अब हाईकोर्ट के फैसले में बदलाव की गुंजाइश कम ही है.