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बजट पर तुरंत टिप्पणी क्यों नहीं करते आनंद महिंद्रा? खुद बताया कारण, इस बजट के बारे में क्या कहा? जानिए

आनंद महिन्द्रा बजट पर टिप्पणी करने से पहले एक दिन का समय लेते हैं. (फ़ोटो: न्यूज़18)

आनंद महिन्द्रा बजट पर टिप्पणी करने से पहले एक दिन का समय लेते हैं. (फ़ोटो: न्यूज़18)

यूनियन बजट पेश होने के एक दिन बाद बुधवार को आनंद महिन्द्रा ने ट्विटर पर एक यूजर के ट्वीट्स के जवाब में कहा कि वे बजट पर ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

यूनियन बजट के बारे में महिन्द्रा का कहना है कि इसने कई चीजें हासिल की हैं.
उन्होंने कहा भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है और बजट का काम उसे बनाए रखना है.
बता दें 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान है.

नई दिल्ली. महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा का कहना है कि मैं बजट पर टिप्पणी करने में हमेशा एक दिन का समय लेता हूँ. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को पेश किए गए यूनियन बजट के बारे में महिन्द्रा का कहना है कि इसने कई चीजें हासिल की हैं. महिंद्रा ने भारत की अर्थव्यवस्था को अच्छे आकार, राजकोषीय अनुशासन और अर्थव्यवस्था को ट्रैक पर लाने के लिए वित्त मंत्री के प्रयासों की सराहना की.

दरअसल, सदन में बजट पेश होने के एक दिन बाद बुधवार को आनंद महिन्द्रा ने ट्विटर पर एक यूजर के ट्वीट्स के जवाब में कहा कि वित्त मंत्रालय के डीएनए में वित्तीय अनुशासन है और फिजूलखर्ची व दिवालिएपन से दूर रखने की एक मजबूत भावना है. जो हमारे नाजुक पड़ोसी से बिलकुल विपरीत है. यह बात उन्होंने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से तुलना करते हुए कही जो कि गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है.

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टिप्पणी के लिए क्यों लेते हैं समय?
महिन्द्रा का कहना है कि वे टिप्पणी करने से पहले बजट को अच्छी तरह से समझने की कोशिश करते हैं. इसलिए उन्हें इसमें वक़्त लगता है. उन्होंने कहा कि भारत की प्रमुख अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है और बजट का काम उस स्थिति को बनाए रखना है. इसलिए मैं हाई कैपेक्स को देखकर बहुत खुश हुआ. यह उच्च विकास के लिए निवेश करने के बारे में है. उन्होंने लिखा, हमारी रूढ़िवादिता के अनुरूप कम राजकोषीय घाटे की ओर वापस देखना अच्छा था. हालांकि, यह हासिल करने में मुश्किल जरूर होगी लेकिन मुझे सरकार पर भरोसा है कि वह जरूरी संसाधनों के लिए विनिवेश को गति दे सकती है.

5.9 फीसदी राजकोषीय घाटे का अनुमान
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा, 2021-22 के अपने बजट भाषण में मैंने घोषणा की थी कि हम 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे तक पहुँचाने की अवधि में काफी स्थिर गिरावट के साथ राजकोषीय समेकन को जारी रखने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमने इस रास्ते का पालन किया है और मैं 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को GDP के 4.5 फीसदी से नीचे लाने के अपने इरादे को दोहराती हूं.

वित्त मंत्री ने ये लगाए अनुमान
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि 2023-24 के राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए डेटेड सिक्योरिटीज से शुद्ध बाजार उधारी 11.8 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. जबकि बाकी फाइनेंसिंग छोटी बचत और अन्य स्रोतों से आने की उम्मीद है. वहीं सकल बाजार उधारी का अनुमान 15.4 लाख करोड़ रुपये है. बता दें कि बजट अनुमान के अनुसार 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 6.4 फीसदी है.

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