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स्टॉक मार्केट में एक्स-डेट और रिकॉर्ड-डेट क्या मतलब होता है, निवेशकों के लिए ये तारीखें क्यों होती हैं जरूरी?

रिकॉर्ड डेट आमतौर पर एक्स-डेट के अगले दिन होती है. (फोटो- न्यूज18)

रिकॉर्ड डेट आमतौर पर एक्स-डेट के अगले दिन होती है. (फोटो- न्यूज18)

शेयर मार्केट में पैसा लगाने की शुरुआत करने वाले लोगों का कई नई टर्म्स से सामना होना तय है. इन्हीं में शामिल हैं एक्स और ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

डिविडेंड और बोनस मार्केट से पैसा कमाने का अतिरिक्त जरिया होते हैं.
इन्हें से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण टर्म्स हैं एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट.
एक्स-डेट तक शेयरों में निवेश करने वाले को बोनस या डिविडेंड दिया जाता है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में पैसा केवल शेयरों की बढ़ती या घटती कीमत से ही नहीं कमाया जाता है. बोनस शेयर और डिविडेंड भी कमाई का एक बहुत बड़ा स्रोत होते हैं. हालांकि, ये लाभ हर शेयरधारक को नहीं मिल जाता है. अगर आप बाजार में नई एंट्री कर रहे हैं तो आपको बता दें कि बोनस या डिविडेंड की घोषणा कई दिन बाद ही ये आपके डीमैट अकाउंट में नजर आता है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने शेयर कब खरीदे हैं. यहीं 2 नई टर्म्स आपके सामने आती हैं, एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट.

अगर आपने शेयर मार्केट में निवेश करना शुरू ही किया है या करने की योजना बना रहे हैं तो इन 2 टर्म्स से आपका आमना-सामना होना तय. अक्सर आप लोग सुनते होंगे कि किसी कंपनी ने डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट तय कर दी है या बोनस के लिए रिकॉर्ड डेट फिक्स कर दी गई है. अगर आप भी इन शब्दों को पढ़कर सोच में पड़ जाते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है. आज हम बताएंगे कि ये क्या होते हैं और निवेशकों के लिए क्यों जरूरी है.

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एक्स-डेट
बात सबसे पहले एक्स-डेट की, क्योंकि ये रिकॉर्ड डेट से पहले आती है. डिविडेंड के लिए एक्स-डिविडेंड और बोनस के लिए एक्स-बोनस डेट कहा जाता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन तक कंपनी के शेयर खरीदने वाले को डिविडेंड या बोनस का लाभ दिया जाता है. यानी अगर इस तारीख के बाद आप शेयरों की खरीदारी करते हैं तो आप लाभ के हकदार नहीं होंगे. इसे कंपनी द्वारा ही फिक्स किया जाता है.

रिकॉर्ड डेट
ये आमतौर पर एक्स-डिविडेंड के एक दिन बाद वाली तिथि होती है. बशर्ते एक्स-डेट के अगले दिन कोई हॉलीडे न हो. रिकॉर्ड डेट को कंपनी अपने शेयरधारकों की सूची तैयार करती है जिन्हें डिविडेंड या बोनस दिया जाना है. इस सूची में एक्स-डेट तय शेयर खरीदने वाले निवेशकों को शामिल कर लिया जाता है. अक्सर लोग रिकॉर्ड डेट को डिविडेंड का लाभ लेने के लिए शेयर खरीदने की कटऑफ डेट मानकर चलते हैं और डिविडेंड या बोनस का फायदा उठाने से चूक जाते हैं.

निवेशकों के लिए है इसलिए जरूरी
जाहिर तौर पर अब तक आप लोग समझ ही गए होंगे कि एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट क्यों निवेशकों के लिए जरूरी है. अगर उन्हें शेयरों के उतार-चढ़ाव के अलावा बाजार में अन्य तरीकों से भी पैसा कमाना है तो इन दोनों टर्म्स को समझना बेहद जरूरी है. कई दफा निवेशक अपने घाटे की कुछ हद तक भरपाई डिविडेंड के माध्यम से ही कर लेते हैं.

Tags: Business news, Share market, Stock market

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