नई दिल्ली. कई बार लोग टैक्स सेविंग के लिए HUF अकाउंट खुलवाते हैं, जिसे कुछ नियम व शर्तों के साथ खोला जाता है. बता देंं कि आयकर कानून के सेक्शन 10(2) के तहत इसे आयकर के दायरे से बाहर रखा गया है. लोगों के मन में अकसर ये सवाल आता है कि क्या खाताधारक की मृत्यु होने पर HUF अकाउंट से पैसे निकाले जा सकते हैं. चलिए जानते हैं कि क्या है ये अकाउंट और कैसे निकाल सकते हैं इससे पैसा…
दरअसल एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) एक खाता होता है, जिसे निश्चित नियम व शर्तों के साथ खोला जाता है. केवल हिंदू परिवार ही नहीं बल्कि जैन, बौद्ध और सिख भी एचयूएफ बना सकते हैं. इसमें कम से कम दो सदस्य शामिल होते हैं. इसके दायरे में पत्नी, बच्चे और बच्चों के बच्चे आ सकते हैं.
सास-ससुर की मृत्यु होने पर निकाल सकते हैं अकाउंट से पैसे?
मान लीजिए आपके सास-ससुर की मृत्यु हो गई है और आपकी पत्नी उनकी इकलौती संतान हैं तो ऐसे में आपकी पत्नी ही एकमात्र जीवित पुत्री है. इसलिए, उसके माता-पिता दोनों की मृत्यु के बाद, एचयूएफ का हिस्सा आपकी पत्नी में होगा, जो उसके माता-पिता के एकमात्र जीवित कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में है.
ध्यान दें कि आपकी पत्नी अपने पिता के एचयूएफ में जन्म के समय एक सहदायिक है, और इसलिए जन्म से ही एचयूएफ में उसका अविभाजित हिस्सा है. इसलिए, वसीयत उत्तराधिकार के नियम लागू होंगे. आपको सक्षम न्यायालय से प्रशासन का लेटर लेना होगा इसके बाद आपको केवाईसी डाक्यूमेंट के साथ ही बैंक को प्रशासन के लेटर की ऑरिजनल कॉपी जमा करना होगा.
कैसे बनता है एचयूएफ
हिंदू अविभाजित परिवार बनाने के लिए एचयूएफ के नाम एक बैंक खाता खुलवाना होता है. यह खाता परिवार के मुखिया (कर्ता) के नाम होता है, लेकिन उसके नाम के बाद एचयूएफ शब्द जुड़ा होता है. यह कर्ता के नाम होता है लेकिन इसमें थोड़ी तब्दीली संभव है. जैसे कर्ता दीपक गर्ग, दीपक गर्ग एंड संस एचयूएफ के नाम से बैंक खाता खुलवा सकता है.
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