पेनी स्टॉक को भंगार शेयर या चवन्नी शेयर भी कहा जाता है.
मुंबई. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने अक्सर चवन्नी शेयर (Penny Stocks) और मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Share) के बारे में सुना होगा. दरअसल ये ऐसे शेयर होते हैं जो सस्ते भाव पर मिलते हैं और भविष्य में बड़ा मुनाफा देने का दमखम रखते हैं. हालांकि, कई पेनी स्टॉक्स में निवेश हानिकारक भी साबित हुआ है. लेकिन फिर भी निवेशकों की कोशिश होती है कि अच्छी कंपनी के कम भाव वाले शेयरों में निवेश करके आगे चलकर मोटा मुनाफा कमाया जाए. भारतीय शेयर बाजार में ऐसे कई चवन्नी स्टॉक का बड़ा जबरदस्त इतिहास है जिन्होंने निवेशकों की बंपर कमाई कराई है.
पेनी स्टॉक को भंगार शेयर या चवन्नी शेयर भी कहा जाता है. तगड़ा रिटर्न देने के साथ-साथ ये शेयर लोगों को बर्बाद करने के लिए भी बदनाम हैं. ज्यादातर लोग इन शेयरों की कम कीमत देखकर ही इनमें पैसा लगाते हैं. लेकिन सिर्फ भाव ही देखते कंपनी के बारे में जानने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखते हैं इसलिए बड़ा नुकसान उठाते हैं. आइये जानते हैं आखिर चवन्नी शेयरों में निवेश कैसे करें ?
कीमत देखकर खरीदने चाहिए पेनी स्टॉक्स?
चवन्नी शेयर या पेनी स्टॉक, वे शेयर होते हैं जिनकी कीमत 10 रुपये से कम होती है और कम भाव होने के कारण ही इन्हें भंगार शेयर कहा जाता है. हालांकि, कुछ बड़ी कंपनियों के शेयर भी कम कीमत के होते हैं लेकिन वे पेनी स्टॉक्स की कैटेगरी में नहीं आते हैं. चवन्नी शेयरों की सबसे बड़ी पहचान है इनका कम प्राइस और लिक्विडिटी यानी मार्केट में इन्हें खरीदने-बेचने के लिए कम ही लोग होते हैं. इन शेयरों में वॉल्युम हमेशा कम होता है और इसलिए इन्हें आसानी से मैन्युप्लेट किया जा सकता है. वहीं कम कीमत देखकर लोग इनमें आंख मूंदकर पैसा लगा देते हैं लेकिन ऐसा करना बहुत जोखिम भरा होता है.
किसी भी पेनी स्टॉक में निवेश शेयर की कीमत या उसके रिटर्न को देखकर नहीं करना चाहिए. इन्वेस्टमेंट करने से पहले कंपनी के बारे में अच्छे जान लें कि आखिर उसका बिजनेस मॉडल क्या है. फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए कंपनी के प्रॉफिट और अन्य फाइनेंशियल बैकग्राउंड का पता लगाएं. यह चेक करना भी जरूरी है कि कंपनी पर कितना कर्ज है और उसका फ्यूचर प्लान क्या है.
चव्वनी शेयर के भाव अचानक क्यों बढ़ने लगते हैं?
आपने अक्सर देखा होगा कि किसी पेनी स्टॉक का भाव अचानक बढ़ने लगता है और शेयर के चर्चे होने लगते हैं. इसलिए यह समझना जरूरी है कि इनकी कीमत क्यों बढ़ती है. दरअसल चवन्नी शेयरों की कीमत कम होने की वजह से इन्हें ऑपरेट करना आसान हो जाता है.
शेयर बाजार में 1991 में हुए सबसे बड़े घोटाले में हर्षद मेहता ने भी पेनी स्टॉक्स को ऑपरेट कर उनकी कीमत बढ़ाई थी और जब भाव बहुत बढ़ गया तो उन्हें बेचकर मुनाफा कमा लिया. इस दौरान कई निवेशकों ने महंगे भाव पर ये चवन्नी शेयर खरीद लिए थे और फिर कीमत के गिर जाने के कारण बड़ा नुकसान उठाया था.
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि जब कंपनी के प्रमोटर्स ही शेयरों को बड़ी संख्या में खरीदने लगें तो उनकी कीमत बढ़ने लगती है. ऐसे में निवेशकों को लगता है कि शेयर की वैल्यू बढ़ रही है, लेकिन भाव गलत तरीके से बढ़ाया जा रहा है. इसलिए पेनी स्टॉक में निवेश करते वक्त आपको अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत होती है.
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