नई दिल्ली. केंद्र सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आपको सस्ता सोना खरीदने और मुनाफा कमाने (Cheap Gold) का मौका देने जा रही है. इसके लिए 28 फरवरी 2022 यानी सोमवार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की 10वीं किस्त (Sovereign Gold Bond Scheme 10th Series) जारी की जा रही है. ये सीरीज सब्सक्रिप्शन के लिए 5 दिन यानी 4 मार्च 2022 तक खुली रहेगी. अगर आप भी इसमें निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं तो पहले इसके फायदे (Benefits of SGB Scheme Investment ) जान लीजिए.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के जरिये निवेशक डिजिटल गोल्ड में निवेश (Invest in Digital Gold) करते हैं. आसान शब्दों में समझें तो आपको एसजीबी स्कीम में निवेश करने के बाद ज्वेलरी, बिस्किट या सिक्के के तौर पर खरीदे गए सोने की तरह सुरक्षा को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है.
एसजीबी को आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं. आप इसे स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक को छोड़कर स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) जैसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों से खरीद सकते हैं.
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एसजीबी स्कीम में निवेश पर आपको सरकार की ओर से गारंटीड मुनाफा (Guaranteed Return) मिलता है. इसके तहत आपको 2.5 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा, जिसका भुगतान हर छह महीने पर कर दिया जाएगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की मैच्योरिटी 8 साल होती है. वीं, इसका लॉक इन पीरियड 5 साल रहता है. अगर आप एसजीबी स्कीम में अपने निवेश को मैच्योरिटी अवधि तक नहीं निकालते हैं तो आपको कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल लोन के कोलेटरल के लिए किया जा सकता है. लोन टू वैल्यू (LTV) अनुपात सामान्य गोल्ड लोन की तरह होता है. इसके लिए रिजर्व बैंक समय-समय पर नियम तय करता है.
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सोने के सिक्के या सोने की ईंट (Gold Coin and Bar) की तरह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में जीएसटी (GST) नहीं देना होता है. डिजिटल गोल्ड खरीदने पर फिजिकल गोल्ड की तरह 3 फीसदी जीएसटी ही देना होगा. वहीं, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेशकों को कोई मेकिंग चार्ज (Making Charge on Gold) नहीं देना होता है.
आरबीआई की ओर से अधिसूचित तारीख को जारी होने के 15 दिन के भीतर स्टॉक एक्सचेंज पर बॉन्ड का कारोबार होगा. बता दें कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को 2015 में लॉन्च किया था. रिवर्ज बैंक की ओर से सब्सक्रिप्शन के लिए इसे किस्तों में जारी किया जाता है. ये सरकार के लिए सभी सोने के निवेश को डिजिटल मोड में बदलने का अच्छा तरीका है. यही नहीं, एसजीबी करंसी को सपोर्ट भी करता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किग्रा गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है. वहीं, ट्रस्ट या उसके जैसी संस्थाएं 20 किग्रा तक के बॉन्ड खरीद सकती हैं. बता दें आवेदन कम से कम 1 ग्राम और उसके मल्टीपल में जारी होते हैं.
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