2010 में गेहूं आटे का औसत मूल्य 17 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास था.
नई दिल्ली. आम आदमी पर महंगाई की मार कदर बढ़ गई है कि दो जून की रोटी खाना भी मुश्किल होता जा रहा. गेहूं के बंपर उत्पादन के बावजूद देश में आटे का खुदरा मूल्य इस समय 12 साल के शीर्ष स्तर पर है. महज एक साल के भीतर ही आटे का दाम 9.15 फीसदी बढ़ चुका है.
ये आंकड़े खुद सरकार ने ही जारी किए हैं. उपभोक्ता मंत्रालय के अधीन आने वाले नागरिक आपूर्ति विभाग ने आंकड़े जारी कर बताया कि 7 मई को देशभर में गेहूं के आटे का औसत खुदरा मूल्य 32.78 रुपये प्रति किलोग्राम था. यह पिछले साल की तुलना में 9.15 फीसदी ज्यादा मूल्य है. पिछले साल की समान अवधि में यह कीमत 30.03 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
इस राज्य में सबसे महंगा और यहां सस्ता
नागरिक आपूर्ति विभाग ने ये आंकड़े देशभर में स्थित 156 केंद्रों से जुटाए हैं. विभाग ने बताया कि सबसे सस्ता आटा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बिक रहा है, जहां इसकी कीमत 22 रुपये प्रति किलोग्राम है. सबसे महंगे क्षेत्र की बात करें तो पोर्ट ब्लेयर में आटा 59 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा. अगर चारों मेट्रो शहरों की बात करें तो मुंबई में यह 49 रुपये किलो, चेन्नई में 34 रुपये, कोलकाता में 29 रुपये और दिल्ली में 27 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा.
चार महीने में ही कीमतें 6 फीसदी तक बढ़ीं
आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गेहूं के आटे की रोजाना औसत कीमत 2022 की शुरुआत से ही लगातार बढ़ रही है. जनवरी से अब तक इसकी कीमतों में 5.81 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. अप्रैल में ही इसकी कीमतें औसत मूल्य से काफी ज्यादा पहुंच गई थी. तब देश में आटे का प्रति किलोग्राम औसत मूल्य 31 रुपये था.
इसलिए बढ़ रही आटे की कीमत
सूत्रों का कहना है कि आटे की खुदरा कीमत में लगातार उछाल गेहूं की बढ़ती कीमतों की वजह से आ रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर में गेहूं की आपूर्ति और उत्पादन पर असर पड़ा है. साथ ही भारतीय गेहूं की मांग ग्लोबल मार्केट में बढ़ती जा रही. इसके अलावा महंगे डीजल की वजह से माल ढुलाई की लागत भी बढ़ रही, जिसका सीधा असर आटे की कीमत पर दिख रहा है.
गेहूं के आटे की खुदरा महंगाई दर मार्च में 7.77 फीसदी पहुंच गई थी, जो मार्च, 2017 के बाद सबसे ज्यादा है. तब आटे का खुदरा मूल्य सूचकांक 7.62 फीसदी था.
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बेकरी ब्रेड पर भी दिखी मार
गेहूं के आटे का मूल्य बढ़ने से बेकरी ब्रेड की कीमतों में भी तेज उछाल आ रहा है. मार्च में बेकरी ब्रेड की खुदरा महंगाई दर बढ़कर 8.39 फीसदी पहुंच गई थी, जो जनवरी 2015 के बाद सबसे ज्यादा है. दरअसल, पहले 2021-22 में बंपर फसल उत्पादन का अनुमान जताया गया था, लेकिन मार्च में अचानक तापमान बढ़ने से यह अनुमान भी घटता नजर आ रहा है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय का कहना है कि गेहूं के उत्पादन में कुछ गिरावट आ सकती है.
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Tags: Food and Civil Supplies Department, Inflation, Wheat crop
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