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ये है भारत का सबसे पहला बैंक, क्यों हुआ था बंद? ये रही RBI और SBI के बनने की कहानी

भारत का सबसे पहला बैंक 1770 में स्थापित किया गया था और यह उस समय देश की राजधानी रही कोलकात में खोला गया था

भारत का सबसे पहला बैंक 1770 में स्थापित किया गया था और यह उस समय देश की राजधानी रही कोलकात में खोला गया था

भारत का सबसे पहला बैंक 1770 में स्थापित किया गया था और यह उस समय देश की राजधानी रही कोलकात में खोला गया था. आजादी से पह ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

'बैंक ऑफ हिंदुस्तान' 1770 में खोला गया था और 1832 में बंद हो गया. 
इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का 1955 में राष्ट्रीयकृत किया गया और इसे SBI नाम दिया गया.
1991 में हुए आर्थिक सुधारों के बाद देश में प्राइवेट बैंकों का आगमन हुआ.

नई दिल्ली. बैंकिंग व्यवस्था को हर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. अगर बैंकों पर कोई संकट आता है तो इकोनॉमी को बड़ा झटका लगता है. इन दिनों अमेरिका में बैंकिंग संकट को लेकर दुनियाभर में हुई उथल-पुथल से आप बैंकों के महत्व का अंदाजा लगा सकते हैं. भारत में कई सरकारी और प्राइवेट बैंक सक्रिय हैं और इन पर नियंत्रण रखने वाला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का सबसे पहला बैंक कौन-सा है? देश में बैंकिंग व्यवस्था की शुरुआत अंग्रेजों के जमाने में ही शुरू हो गई थी.

भारत का सबसे पहला बैंक 1770 में स्थापित किया गया था और यह उस समय देश की राजधानी रही कोलकात में खोला गया था. आजादी से पहले भारत में करीब 600 बैंक रजिस्टर्ड थे लेकिन इनमें कुछ बैंक बचे बाकी सब बंद हो गए. आइये जानते हैं भारत में बैंकिंग व्यवस्था का इतिहास.

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3 हिस्सों में बंटा भारत का बैंकिंग इतिहास
भारत में बैंकिंग सिस्टम को 3 स्टेज में बांटा गया है. इसमें पहला दौर 1947 में मिली आजादी से पहले, दूसरा फेज 1947 से 1991 और तीसरा चरण 1991 के बाद से अब तक रहा है. 1947 में अंग्रेजों से मिली आजादी के पहले भारत में 600 से ज्यादा बैंक सक्रिय थे. भारत का पहला बैंक ‘बैंक ऑफ हिंदुस्तान’ 1770 में खोला गया था और इसके साथ ही भारत में बैंकिंग व्यवस्था की नींव रखी गई. हालांकि, 1832 में इस बैंक को बंद कर दिया गया. इस अवधि में जनरल बैंक ऑफ इंडिया (1786-1791), बैंक ऑफ बंगाल (1809), बैंक ऑफ बॉम्बे (1840) और बैंक ऑफ मद्रास (1843) भी शुरू हुए.

बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास को उन्हें प्रेसिडेंशियल बैंक कहा जाता था. इन 3 बैंकों का 1921 में मर्ज कर दिया गया और इस विलय के बाद इसे ‘इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया’ कहा गया. हालांकि, इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को आजादी के बाद 1955 में राष्ट्रीयकृत किया गया और इसका नाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रखा गया. वहीं, देश में बैंकिंग व्यवस्था में सुधार, खामियों, सिस्टम में पारदर्शिता लाने और निगरानी रखने के मकसद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई.

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1991 के बाद आए प्राइवेट बैंक
मौजूदा वक्त में देश में एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है. इलाहाबाद बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कैनरा बैंक और  बैंक ऑफ बडौदा भी अंग्रेजों के जमाने में स्थापित किए गए थे और आज भी ये बैंक चल रहे हैं. 1947 से 1991 के बीच कई बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया.

1991 में हुए आर्थिक सुधारों के बाद देश में प्राइवेट बैंकों का आगमन हुआ. इस दौरान सरकार और आरबीआई ने निजी बैंकों को काम करने की इजाजत दी. इनमें इन में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक Global Trust Bank, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस और इंडसइंड समेत कई निजी बैंक शामिल हैं. वहीं, सरकार ने कुछ विदेशी बैंकों को भी भारत में काम करने की अनुमति दी.

Tags: Bank Loan, Bank merger, RBI, Sbi

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