रघुराम राजन (फोटो- Reuters)
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने शनिवार को रायपुर में कहा कि इस समय पूरी दुनिया में महंगाई है. आरबीआई ब्याज दर बढ़ा रहा है जिससे महंगाई कम करने में मदद मिलेगी. सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य और ईंधन में है. जैसा कि हम देख सकते हैं कि दुनिया में खाद्य मुद्रास्फीति कम हो रही है और भारत में भी घटेगी.
भारत का विदेशी कर्ज कम
रायपुर में आयोजित कांग्रेस के अनुषांगिक संगठन आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के पांचवें वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए रघुराम राजन भी पहुंचे हैं. श्रीलंका में आर्थिक उथल-पुथल पर राजन ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. रिजर्व बैंक ने रिजर्व बढ़ाने में अच्छा काम किया है. हमें श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी समस्या नहीं है. हमारे विदेशी कर्ज भी कम हैं.
At present, there is inflation all over the world. RBI is increasing interest rate which will help in reducing inflation. Most inflation is in food and fuel. As we can see food inflation is coming down in world & will decrease in India also: Former RBI Governor Raghuram Rajan pic.twitter.com/wA1cHsuoK1
— ANI (@ANI) July 30, 2022
श्रीलंका में मुद्रास्फीति जुलाई महीने में 61 फीसदी के करीब पहुंची
गौरतलब है कि गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में मुद्रास्फीति जुलाई महीने में बढ़कर 60.8 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई. खाद्य उत्पादों एवं ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने से मुद्रास्फीति बढ़ी है. श्रीलंका के सांख्यिकीय विभाग ने शनिवार को जारी एक बयान में जुलाई के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि एक साल पहले की तुलना में इस महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 60.8 फीसदी पर पहुंच गई. एक महीना पहले जून में यह 54.6 फीसदी पर थी. श्रीलंका में जरूरी वस्तुओं की खरीदारी के लिए भी समुचित विदेश मुद्रा नहीं होने से हालात काफी खराब हो चुके हैं. विदेशी मुद्रा भंडार के अभाव में खाद्य पदार्थों और ईंधन की कमी का संकट बना हुआ है.
571.56 अरब डॉलर है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 22 जुलाई, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया. विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई कमी की वजह से हुई. आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान गोल्ड रिजर्व का मूल्य 14.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.502 अरब डॉलर हो गया.
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