नई दिल्ली. कहा जाता है कि ‘स्वास्थ्य ही धन है’, लेकिन क्या होगा यदि हम इसमें थोड़ा बदलाव करें और कहें कि ‘धन भी हमें बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जा सकता है’. इसका सीधा उदाहरण है आपके और आपके परिवार के लिए बेहतर स्वास्थ्य बीमा. आज विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) के मौके पर हम बता रहे कि स्वास्थ्य बीमा (Medical Insurance) आपके लिए क्यों जरूरी है.
स्टैटिस्टा द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार कोविड के कारण उत्पन्न डर और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के बाद साल 2020 में भारतीयों के बीच वित्तीय तनाव बीमारियों का दूसरा बड़ा कारण रहा. महामारी ने हमें स्वास्थ्य की देखभाल करने और अचानक किसी मेडिकल इमरजेंसी के लिए फंड बनाने जैसी सीख भी दी है. ऐसे में किसी आपात स्थिति से उबरने का सबसे सरल तरीका हो सकता है स्वास्थ्य बीमा खरीदना.
वित्तीय सुरक्षा का अभेद्य किला है बीमा
ट्रेडस्मार्ट के सीईओ विकास सिंघानिया का कहना है कि किसी परिवार की वित्तीय सुरक्षा का अभेद्य किला उसकी बीमा योजनाओं में छिपा होता है. इसमें सबसे प्रमुख है स्वास्थ्य बीमा. चिकित्सा उपचार की बढ़ती लागत के साथ भले ही आपकी कंपनी मेडिकल इंश्योरेंस दे रही हो, आपके पास खुद का भी बीमा होना चाहिए. सलाह है कि पर्सनल बीमा में कम से कम 10 लाख रुपये का फैमिली फ्लोटर प्लान होना चाहिए.
बीमा दूसरा जरूरी पहलू होता है जीवन बीमा या टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी. अगर परिवार में किसी कमाऊ व्यक्ति के साथ कोई हादसा हो जाए तो सभी सदस्यों पर एक तरह का आर्थिक बोझ आ जाता है. बड़ी राशि का जीवन बीमा या टर्म इंश्योरेंस ऐसी मुश्किलों का हल बन सकता है. आपकी सालाना कमाई का कम से कम 10 से 15 गुना राशि टर्म इंश्योरेंस होना चाहिए.
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इन उपायों से भी बना सकते हैं वित्तीय सेहत मजबूत
बचत अनुपात : यह आपकी कुल आय की तुलना में बचत का प्रतिशत है. अनुपात जितना अधिक होगा, उतना अच्छा होगा. 30 फीसदी से अधिक कोई भी राशि अच्छी मानी जाती है.
तरलता अनुपात : यह इस बात का संकेत है कि किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपका पैसा कितना तरल है. यह बचत खाते में जमा पैसा, हाथ में उपलब्ध नकदी और अन्य तरल संपत्ति है. किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए एक आदर्श तरलता अनुपात 15 फीसदी है.
कर्ज संपत्ति अनुपात : यह आपको बताता है कि आपने अधिक उधार लिया है या नहीं. एक आदर्श अनुपात लगभग 50 फीसदी है. यानी कुल कर्ज आपकी संपत्ति के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
ऋण चुकता अनुपात : यदि यह अनुपात 40 प्रतिशत से अधिक है तो आपकी वित्तीय सेहत खराब है. यह अनुपात आपकी आय की तुलना में ईएमआई और क्रेडिट कार्ड भुगतान जैसे आपके मासिक ऋण देनदारी को बताता है.
अन्य लक्ष्यों के लिए भी करें प्लानिंग
आपको बच्चों की पढ़ाई, रिटायरमेंट या अन्य बड़े लक्ष्यों के लिए वित्तीय सेहत सुधारने की चिंता है तो भी बेहतर प्लानिंग से इसे पूरा किया जा सकता है. अगर आपको 15 साल बाद बच्चे की बढ़ाई के लिए 25 लाख रुपये की जरूरत है तो आज से ही हर महीने 15 हजार रुपये का निवेश शुरू करना होगा. इसी तरह, रिटायरमेंट योजना के लिए यह तय करें कि आपको मासिक खर्चों के लिए कितने रुपये की जरूरत होगी. उसी के अनुसार, पेंशन फंड में पैसे जमा करना शुरू कर दें.
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Tags: Health Insurance, Investment tips, Life Insurance
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