ट्रेन में 4000 से अधिक सीटें हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर- साभार रेहतियन रेलवे)
नई दिल्ली. भारतीय रेल को देश की ट्रांसपोर्ट लाइफलाइन कहा जाता है. ऐसा कहना शायद गलत नहीं होगा कि ट्रेन हमारे यहां यातायात के प्रमुख साधनों में शीर्ष पर है. हालांकि, ट्रेन परिचालन केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी प्रसिद्ध है. अमेरिका, चीन व रूस इसके कुछ सबसे बड़े उदाहरणों में से हैं. लेकिन इन सब देशों से आगे निकलकर स्विटजरलैंड ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है.
स्विटजरलैंड में ट्रेनों का परिचालन करने वाली एक प्राइवेट कंपनी का दावा है कि उसने दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन चलाई है. दावे के मुताबिक, यह ट्रेन लगभग 2 किलोमीटर या 6,253 फुट लंबी है और इसमें 100 डिब्बे हैं. इस ट्रेन में 4550 सीटे हैं. इसमें 25 कैप्रिकॉर्न रेलकार जोड़ी गई हैं और इसे 7 ड्राइवर चलाते हैं. इसे दुनिया की सबसे लंबी नैरो गेज पैसेंजर ट्रेन कहा जा रहा है.
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1 घंटे में तय किया 25 किलोमीटर का सफर
खबर के अनुसार, इस ट्रेन ने यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज रूट पर लबुला टनल से फिलिसुर के लैंडवासर वायाडक्ट तक 1 घंटे में 25 किलोमीटर की दूरी तय की है. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के एक अधिकारी ने भी इसके सबसे लंबी नैरो गेज पैसेंजर ट्रेन होने के दावे की पुष्टि कर दी है. इस ट्रेन को द रेहतियन रेलवे कंपनी द्वारा बनाया गया है. इस ट्रेन को स्विस रेल की 175वीं वर्षगांठ मनाने के लिए चलाया गया है. साथ ही इसका मकसद लोगों को स्विटजरलैंड की खूबसूरत वादियां भी दिखाना है. रेहतियन रेलवे के सीईओ ने इस ट्रेन के परिचालन को लेकर कहा कि इसे स्विट्जरलैंज की खूबसूरत यूनेस्को विश्व धरोहर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चलाया गया है.
पहले किसके पास था रिकॉर्ड
इससे पहले दुनिया की सबसे लंबी नैरो गेज पैसेंजर ट्रेन का रिकॉर्ड बेल्जियम के पास था. हालांकि, कई मालगाड़ियां हैं जो इस ट्रेन से कहीं ज्यादा लंबी होती हैं लेकिन उनका परिचालन चौड़ी पटरियों पर किया जाता है. कई मालगाड़ियां 3 किलोमीटर तक लंबी होती हैं और इनमें 250 से 350 डिब्बे होते हैं.
कोरोना में हुआ बिजनेस को नुकसान
स्विटजरलैंड में रेल अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 के कारण पर्यटन को काफी धक्का लगा था और रेलवे की कमाई भी काफी नीचे आ गई थी. उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर से पर्यटन गतिविधियों ने जोर पकड़ा है. उन्हें उम्मीद है कि इस ट्रेन के कारण पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा और रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी. गौरतलब है कि स्विटजरलैंड काफी दिन से यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की कोशिश कर रहा था.
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