पूर्व वित्त मंत्री
पी. चिदंबरम ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के नए आंकड़ों को लेकर नीति आयोग पर निशाना साधा है. सरकार ने बुधवार को जीडीपी के नए आंकड़े जारी किए, जिसमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दस साल के कार्यकाल के दौरान जीडीपी में वृद्धि दर के आंकड़ों को घटा दिया गया. चिदंबरम ने आंकड़े जारी करने वाले
नीति आयोग पर हमला बोलते हुए कहा है कि इस बेकार संस्था को बंद कर दिया जाना चाहिए.
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पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नीति आयोग के आंकड़े को बुरा मजाक बताते हुए कहा, 'नीति आयोग का संशोधित जीडीपी आंकड़ा दरअसल एक जोक है. एक बहुत ही खराब जोक. ऐसा जानबूझ किया गया. ये आंकड़े किसी सम्मानित कदम को ठेस पहुंचाने भर के लिए जारी किए गए हैं''
सरकार ने आंकड़ों को 2004-05 के आधार वर्ष के बजाय 2011-12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया है, ताकि अर्थव्यवस्था की बेहतर वास्तविक तस्वीर सामने आ सके.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही थी. जबकि इसके पहले 10.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था.
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नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसका ऐलान किया है. इसमें ज्यादा सेक्टर शामिल किए गए हैं, ताकि जीडीपी की गणना ठीक से हो और देश के सामने सही आंकड़े आए.
सरकार ने 2004-05 के बदले जीडीपी का साल बदलकर 2011-2012 किया है. राजीव कुमार ने इस दौरान कहा कि ऐसा कहना गलत होगा की नई सीरीज के कारण ज्यादा जीडीपी ग्रोथ हुई है. उनके मुताबिक 2004-05 और 2011-12 के बेस ईयर बदलने पर एक कमिटी ने जीडीपी में 3 लाख करोड़ का अंतर बताया था.
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Tags: Chidambaram, Dr. manmohan singh, India GDP, Niti Aayog, UPA government
FIRST PUBLISHED : November 29, 2018, 08:54 IST