जेवर में बनेगा देश का सबसे बड़ा हवाई जहाजों की मरम्मत करने का वर्कशॉप, होगी आर्थिक बचत

एयर एवियशन को राहत देने के लिए सरकार ने उठाया कदम
हवाई जहाजों के इंजन की मरम्मत का काम ज़्यादातर सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है. लेकिन अब सरकार के इस कदम से एयर एवियशन (Air Aviation) कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी और आर्थिक बचत भी होगी.
- News18Hindi
- Last Updated: February 3, 2021, 9:07 AM IST
नोएडा. यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuana Expressway) के किनारे जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट (Jewar Airport) देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा. लेकिन इसके साथ ही यहां देश का सबसे बड़ा हवाई जहाजों की मरम्मत करने का वर्कशॉप एमआरओ (मेंटिनेंस रिपेयरिंग एंड ओवरहॉलिंग) हब भी बन रहा है. इसी के चलते जेवर एयरपोर्ट पर 2 नहीं 5 रनवे बनाए जाने का प्रस्ताव पास हुआ है. गौरतलब रहे अभी तक हवाई जहाजों (Aeroplan) के इंजन की मरम्मत का काम ज़्यादातर खासतौर से सिंगापुर, श्रीलंका और दूसरे यूरोपीय देशों में कराया जाता है. लेकिन अब सरकार के इस कदम से एयर एवियशन (Air Aviation) कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी और आर्थिक बचत भी होगी.
जानकारों की मानें तो 3 और रनवे निर्माण के लिए 1365 एकड़ ज़मीन की जरूरत होगी. ज़मीन का अधिग्रहण करने के लिए भी यूपी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अपनी मंजूरी दे दी है. वहीं पहले चरण के निर्माण में 29500 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वहीं दूसरे चरण के निर्माण की लागत 31114 करोड़ रुपये आएगी.
दूसरे चरण के निर्माण की टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीईएफआर) बनाने के लिए नियाल (नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने पीडब्ल्यूसी को जिम्मेदारी दी थी. पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण का निर्माण का 2042 में शुरू होगा.
Helicopter Service: नोएडा से 2 एयरपोर्ट और 36 शहरों को उड़ान भरेंगे Bell-MI हेलीकॉप्टर2024 में उड़ान भरेगा पहला विमान
जानकारों की मानें तो 2024 तक जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के रनवे अपना काम शुरु कर देंगे. जेवर एयरपोर्ट से पहला विमान 2024 में उड़ान भरेगा. ज्यूरिख कंपनी एयरपोर्ट का निर्माण करेगी. कंपनी को अभी नोएडा एयरपोर्ट का मास्टर प्लान सबमिट करना है. उस पर अनुमति के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा. एक रनेवे के साथ 2024 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है.
यह हैं वो खास योजनाएं जो जेवर एयरपोर्ट से जोड़ी जा रही हैं
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है. इतना ही नहीं दिल्ली-मुंबई के फासले को चंद घंटों के सफर में बदलने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को भी जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है. खास बात यह है कि कुछ ही वक्त में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम जेवर एयरपोर्ट के नजदीक पहुंचने वाला है.

अगर रेल लाइन से जेवर एयरपोर्ट के जुड़ने की बात करें तो ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है. लेकिन इसके साथ ही देश की महत्वपूर्ण रेल सेवा दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन को भी जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है. खास बात यह है कि इस परियोजना के जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की बात डीपीआर में भी शामिल है.
जानकारों की मानें तो 3 और रनवे निर्माण के लिए 1365 एकड़ ज़मीन की जरूरत होगी. ज़मीन का अधिग्रहण करने के लिए भी यूपी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अपनी मंजूरी दे दी है. वहीं पहले चरण के निर्माण में 29500 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वहीं दूसरे चरण के निर्माण की लागत 31114 करोड़ रुपये आएगी.
दूसरे चरण के निर्माण की टेक्निकल फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीईएफआर) बनाने के लिए नियाल (नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने पीडब्ल्यूसी को जिम्मेदारी दी थी. पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण का निर्माण का 2042 में शुरू होगा.
Helicopter Service: नोएडा से 2 एयरपोर्ट और 36 शहरों को उड़ान भरेंगे Bell-MI हेलीकॉप्टर2024 में उड़ान भरेगा पहला विमान
जानकारों की मानें तो 2024 तक जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के रनवे अपना काम शुरु कर देंगे. जेवर एयरपोर्ट से पहला विमान 2024 में उड़ान भरेगा. ज्यूरिख कंपनी एयरपोर्ट का निर्माण करेगी. कंपनी को अभी नोएडा एयरपोर्ट का मास्टर प्लान सबमिट करना है. उस पर अनुमति के बाद इसका निर्माण शुरू हो जाएगा. एक रनेवे के साथ 2024 में उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है.
यह हैं वो खास योजनाएं जो जेवर एयरपोर्ट से जोड़ी जा रही हैं
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है. इतना ही नहीं दिल्ली-मुंबई के फासले को चंद घंटों के सफर में बदलने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को भी जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है. खास बात यह है कि कुछ ही वक्त में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम जेवर एयरपोर्ट के नजदीक पहुंचने वाला है.
अगर रेल लाइन से जेवर एयरपोर्ट के जुड़ने की बात करें तो ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन का रास्ता पहले ही साफ हो चुका है. लेकिन इसके साथ ही देश की महत्वपूर्ण रेल सेवा दिल्ली से वाराणसी के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन को भी जेवर एयरपोर्ट से जोड़ा जा रहा है. खास बात यह है कि इस परियोजना के जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की बात डीपीआर में भी शामिल है.