नई दिल्ली. डिजिटल लेनदेन की दुनिया जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से साइबर अपराधियों की पैठ भी बढ़ती जा रही. साइबर अपराध आपकी वित्तीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है.
नॉर्डवीपीएन (NordVPN) ने हाल ही में 140 देशों के 40 लाख पेमेंट कार्ड्स की एक स्टडी जारी की है. इसमें बताया गया है कि एक औसत डेबिट या क्रेडिट कार्ड को महज छह सेकंड में क्रैक (हैक) किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पेमेंट कार्ड को हैक करने का सबसे प्रचलित तरीका ब्रूट फोर्सिंग है. यह बेहद तेजी से काम करता है और महज कुछ ही सेकंड में आपके कार्ड पर कब्जा जमा लेता है.
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साइबर अपराधी अनुमान से पकड़ते हैं कार्ड नंबर और CVV
NordVPN के CTO मारिजस ब्रीडिस का कहना है कि इतनी ज्यादा संख्या में कार्ड को डार्क वेब पर लाने का एक ही तरीका है ब्रूट फोर्सिंग. इसके जरिये साइबर अपराधी मूल रूप से कार्ड नंबर और CVV का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं. कंप्यूटर के जरिये इस तरह के साइबर हमले में महज छह सेकंड का समय लगता है और सही नंबर का दांव लगते ही आपका कार्ड हैक हो जाता है.
सुरक्षा के लिए इन तरीकों पर अमल करें
-कार्ड धारक को किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए अपने मासिक डिटेल की समीक्षा करते रहना चाहिए. साथ ही बैंक की ओर से आने वाले हर सुरक्षा नोटिफिकेशन का तत्काल जवाब दिया जाए.
-जिस अकाउंट से आपका कार्ड जुड़ा है, उसमें थोड़ा ही पैसा रखें. साथ ही हर काम के लिए अलग बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करें.
RBI ने भी जारी किए दिशा-निर्देश
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में ही साइबर अपराधियों और जालसाजों की ओर से सामान्य तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले पैंतरों की जानकारी देती एक बुकलेट जारी की है. इसमें डिजिटल लेनदेन और बैंकिंग को सुरक्षित बनाने के सभी उपाय बताए गए हैं. आरबीआई ने साफ का है कि फोन पर आने वाले लोन ऑफर और भुगतान पर कतई विश्वास न करें और न ही अपनी गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा करें.
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