रेलवे ने 90 हजार पदों के लिए भर्ती निकाली थी और लगभग 2.50 करोड़ लोगों के इसकी परीक्षा में बैठने की संभावना थी. लेकिन परीक्षा कब होगी और यह भर्ती प्रक्रिया अभी किस स्तर पर है इस बारे में प्रतियोगियों को कोई जानकारी नहीं है. फार्म भरने की आखिरी तारीख 30 मार्च थी. इसे तीन महीने हो चुके हैं.
रेलवे ने अपने विज्ञापनों में ऑनलाइन टेस्ट के लिए कोई टाइमलाइन नहीं दी थी. उस समय इसे दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती प्रक्रिया बताया गया था. इस
भर्ती परीक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया की आबादी से ज्यादा आवेदन आए हैं.
रेलवे कर्मचारियों के लिहाज से देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक उपक्रम है. इसके पास 13 लाख कर्मचारियों का स्टाफ है. अपने भर्ती विज्ञापन में रेलवे ने असिस्टेंट लोको पायलट, टेक्नीशियन, कारपेंटर और क्रेन ड्राइवर के लिए 26502 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. इसके अलावा गैंगमैन, स्विचमैन, ट्रेकमैन, केबिनमैन, वेल्डर, हेल्पर और पोर्टर के लिए 62907 पदों पर आवेदन मांगे थे.
ऑनलाइन टेस्ट की तारीखों में देरी के बारे में 'अमर उजाला' अखबार ने खबर दी थी कि रेलवे के पास आवेदनों को जांचने के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं. जब पूछा गया तो रेलवे ने बताया कि भर्ती प्रकिया आखिरी चरण में हैं.
90 हजार लोगों को रोजगार देने का कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि रेलवे तेजी से खाली पदों को नहीं भर पा रहा था. पिछले दो सालों में खर्चों में कटौती और सातवें वेतन आयेाग के चलते वेतन मद में वृद्धि के चलते कई पद खाली थे. इसके अलावा हाल के दिनों में ट्रेनों के पटरियों से उतरने को भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है. बताया जाता है कि रेलमंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे में सही लोगों को शामिल करने के लिए इस भर्ती का समर्थन किया.
रेलवे मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस भर्ती की काफी जरूरत थी. इस भर्ती से सालाना चार हजार करोड़ रुपये का भार आएगा. 2016-17 में स्टाफ पर खर्चा 69713 करोड़ रुपये हुए थे जो 2017-18 में यह बढ़कर 72706 करोड़ रुपये हो गया. 2018-19 में स्टाफ पर खर्चा 76452 करोड़ रुपये है. भर्ती में देरी से रेलवे के ट्रेक मेंटीनेंस से जुड़े ऑपरेशन बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Indian railway
FIRST PUBLISHED : June 25, 2018, 22:33 IST