नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) कॉलेज को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रोफेसरों की मई 2020 से पेंडिंग सैलरी से संबंधित मामले को देखने का निर्देश दिया है.
DU college professors pending salaries: मामला 6 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने कहा कि चूंकि यह एक गंभीर मामला है, इसलिए सरकार और कॉलेज को इस पर गौर करना चाहिए. मामले को 6 अक्टूबर को आगे विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
DU college professors pending salaries: बिना किसी देरी के साथ सुनवाई हो
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, "मेरे विचार में, यह एक गंभीर मामला है और इसे बिना किसी देरी और प्राथमिकता के साथ दिल्ली एनसीटी सरकार और कॉलेज द्वारा देखा जाना चाहिए."
DU college professors pending salaries: समय पर सैलरी देने की फिक्र किसी को नहीं
अदालत ने कहा, कॉलेज और दिल्ली सरकार की एनसीटी द्वारा दिए गए तर्क केवल अदालत को यह आभास देते हैं कि दोनों अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, यह सुनिश्चित करने के बजाय कि कर्मचारियों की सैलरी और अन्य लाभ समय पर जारी किए जाएं.
DU college professors pending salaries: सैलरी के साथ, बाकी लाभ भी नहीं मिले
अदालत ने कहा, "हालांकि, इस ब्लेम-गेम का परिणाम यह है कि याचिकाकर्ता मई 2020 से न केवल वेतन से बल्कि बाकी लाभ से वंचित रखा गया है, जिसमें अन्य आवश्यक चीजें जैसे चिकित्सा
बिलों का reimbursement भी शामिल है."
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DU college professors pending salaries: प्रोफेसरों की याचिका पर सुनवाई
अदालत अनुराग मिश्रा सहित डीडीयू कॉलेज में कार्यरत विभिन्न एसोसिएट प्रोफेसरों और अन्य प्रोफेसरों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.undefined
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Tags: Delhi University, Employees salary
FIRST PUBLISHED : September 19, 2020, 12:52 IST