नई दिल्ली. आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के रिसर्चर्स ने अहम उपलब्धि हासिल की है. सूरज की रोशनी में सूखने के लिए छोड़े गए गीले कपड़ों से बिजली बनाने के लिए इन्हें गांधीयन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया गया है. आईआईटी खड़गपुर के प्रवक्ता ने ये जानकारी दी है. इतना ही नहीं, एनर्जी कंजर्वेशन और थर्मल मैनेजमेंट इन वीयरेबल एंड फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रोनिक डिवाइस की समस्या को उठाने के लिए इंस्टीट्यूट की एक अन्य टीम को भी इस पुरस्कार से नवाजा गया है.
ऐसे बनी बिजली
बिजली बनाने की डिवाइस का टेस्ट एक गांव में किया गया. जहां 50 के करीब गीले कपड़ों को सूखने के लिए छोड़ दिया गया. इन कपड़ों को दो वॉल्ट की डिस्चार्ज इलेक्ट्रिसिटी के कमर्शियल सुपरकैपेसिटर के साथ कनेक्ट किया गया. इस प्रयोग के दौरान संरक्षित एनर्जी से एक व्हाइट एलईडी बल्ब को करीब एक घंटे तक जलाए रखने में सफलता मिली.
इस टीम ने किया कमाल
आईआईटी खड़गपुर के प्रवक्ता ने बताया कि इलेक्ट्रिकल पावर जनरेशन फ्रॉम वेट टेक्सटाइल यानी गीले कपड़ों से बिजली बनाने के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती, प्रोफेसर पार्था साहा और डॉक्टर आदित्य बंदोपाध्याय को इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है. वहीं कैमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर सुनंदो दासगुप्ता और उनकी टीम को 'स्मार्ट, फ्लेक्सिबल एंड मल्टी फंक्शनल थर्मल एंड एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम्स फॉर नेक्स्ट जेनरेशन इलेक्ट्रोनिक डिवाइस' के तहत उनके काम के लिए ये पुरस्कार दिया गया.
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आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर वीरेंद्र तिवारी ने इस उपलब्धि पर इंस्टीट्यूट्स के रिसर्चर्स को बधाई दी है. उन्होंने कहा, हमारी बढ़ती जरूरतों को देखते हुए ऐसे कई सेक्टर हैं, जिनमें काफी काम किए जाने की जरूरत है.undefined
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Tags: Education, IIT, Power Engineer
FIRST PUBLISHED : August 04, 2020, 08:22 IST