मजदूर का बेटा बनेगा गांव का पहला इंजीनियर, राहुल गांधी ने दी बधाई

राहुल ने लेखराज को दी बधाई
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लेखराज को जेईई एग्जाम पास करने पर बधाई दी है.
- News18Hindi
- Last Updated: June 28, 2019, 4:35 PM IST
कहते हैं कि हालात कैसे भी हो अगर प्रतिभा है तो सफलता कदम जरूर चूमती है. ये बात सच कर दिखाई है राजस्थान के भीलन गांव से ताल्लुक रखने वाले लेखराज ने. लेखराज ने जेईई मेन परीक्षा में सफलता हासिल की है. एक वक्त तो ऐसा भी था जब लेखराज को ये भी नहीं पता था कि इंजीनयरिंग क्या होती है और जेईई मेन एग्जाम क्या होता है? आज उसी शख्स ने ये परीक्षा पास की है. इसके साथ ही वह गांव का पहला इंजीनियर बन गया है. उनकी इस कामयाबी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बधाई दी है. राहुल ने बधाई देते हुए एक टि्वट किया है, जिसमें उन्होंने लेखराज को उनकी कामयाबी के लिए खुशी जाहिर की.

पहली बार में पास किया जेईई मेन एग्जाम लेखराज ने पहली बार में जेईई मेन एग्जाम पास किया है. उसके माता-पिता झालावाड़ के मोगायबेह भीलन गांव के मनरेगा मजदूर हैं. वह राजस्थान के अपने आदिवासी गांव में पहले हैं जो जेईई मेन में चयनित हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेखराज ने कहा कि मेरे पेरेंट्स हमेशा ये सोचते थे कि एक दिन उनका बेटा पढ़-लिखकर हमें लेबर के काम से निकाल लेगा. हमारे हालात शायद पहले से बदल जाएंगे. अभी भी उन्हें यही आशा है.
पिता को नहीं पता - क्या होता है इंजीनियर
लेखराज के पिता मांगीलाल ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, मुझे नहीं पता था कि एक इंजीनियर होता क्या है. मैं तो सपने में भी नहीं सोच सकता था कि मेरा बेटा ग्रेजुएट हो जाएगा. आज मैं ये सोचकर खुश हूं कि मेरा बेटा भेल समुदाय और गांव में पहला इंजीनियर बनने जा रहा है. बता दें कि लेखराज ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में भी 93.83 प्रतिशत अंक लाकर झालावाड़ जिले में टॉप किया था.यह भी पढ़ें:
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राहुल गांधी ने लेखराज को दी बधाई
पहली बार में पास किया जेईई मेन एग्जाम लेखराज ने पहली बार में जेईई मेन एग्जाम पास किया है. उसके माता-पिता झालावाड़ के मोगायबेह भीलन गांव के मनरेगा मजदूर हैं. वह राजस्थान के अपने आदिवासी गांव में पहले हैं जो जेईई मेन में चयनित हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेखराज ने कहा कि मेरे पेरेंट्स हमेशा ये सोचते थे कि एक दिन उनका बेटा पढ़-लिखकर हमें लेबर के काम से निकाल लेगा. हमारे हालात शायद पहले से बदल जाएंगे. अभी भी उन्हें यही आशा है.
पिता को नहीं पता - क्या होता है इंजीनियर
लेखराज के पिता मांगीलाल ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, मुझे नहीं पता था कि एक इंजीनियर होता क्या है. मैं तो सपने में भी नहीं सोच सकता था कि मेरा बेटा ग्रेजुएट हो जाएगा. आज मैं ये सोचकर खुश हूं कि मेरा बेटा भेल समुदाय और गांव में पहला इंजीनियर बनने जा रहा है. बता दें कि लेखराज ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में भी 93.83 प्रतिशत अंक लाकर झालावाड़ जिले में टॉप किया था.यह भी पढ़ें:
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First published: June 26, 2019, 4:51 AM IST