नई दिल्ली (Research Scholar, Coronavirus In India). देश में बढ़ती कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार के कारण सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं (Schools Closed). देखा जाए तो साल 2020 से ही शिक्षण संस्थान गिनती के दिनों में ही खुले रहे. कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) के कारण बंद शिक्षण संस्थान की वजह से पीएचडी (PhD) और एमफिल (MPhil) के रिसर्च स्कॉलर (Research Scholar) अपनी थीसिस (Thesis Writing) को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं. इसकी वजह से उनका काम काफी प्रभावित हो रहा है.
यूनिवर्सिटी और विभिन्न इंस्टीट्यूट द्वारा थीसिस (Thesis Writing) जमा करने की तारीखों को लगातार बढ़ाया जा रहा है. वैसे भी संस्थानों के बंद होने से कोई भी अपनी रिसर्च (Research) को पूरा करने के लिए क्वालिटी टाइम नहीं दे पा रहा है. ऐसे में इस सबका असर उनकी मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर भी पड़ रहा है. पीएचडी और रिसर्च के अभ्यर्थियों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं.
बार-बार मिल रही है तारीख
2020 में लगे लॉकडाउन के बाद MPhil/PhD स्टूडेंट्स की थीसिस जमा करने की तारीख को तीन बार बढ़ाया गया. दरअसल, लॉकडाउन (Lockdown In India) के चलते शैक्षणिक संस्थान लंबे समय से बंद चल रहे हैं. ऐसे में जिन अभ्यर्थियों को कॉलेज जाकर रिसर्च करनी है, उनका काम अधूरा ही रह रहा है. कई अभ्यर्थियों की थीसिस पूरी हो चुकी है, लेकिन जिनकी थीसिस कोरोना के कारण अधूरी रह गई, उनकी वजह से UGC सब्मिशन की तारीख आगे बढ़ा रहा है.
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परेशान हैं साइंस स्कॉलर
साइंस स्ट्रीम से रिसर्च करने वाले स्कॉलर्स काफी परेशान हैं. इनको लैब में जाकर प्रैक्टिकल करने का मौका भी ठीक से नहीं मिल सका है. रिसर्च के काम के लिए सुपर कंप्यूटर की जरूरत पड़ती है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है. कई स्कॉलर अब ओवरटाइम काम कर डेडलाइन से पहले रिसर्च सबमिट करना चाह रहे हैं.
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