आईआईटी मंडी ने इस अभियान को 'मैत्री मॉस्क अभियान' का नाम दिया है.
नई दिल्ली. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी (IIT) मंड़ी ने हिमाचल के एक गांव की महिलाओं के सहयोग से कपड़े का री- यूजेबल (एक से ज्यादा बार) प्रयोग करने वाला मॉस्क बनाया है. इस मॉस्क को कोरोना से लड़ाई के लिए लोगों को वितरित किया जाएगा और इसकी सप्लाई कंपनियों को की जाएगी. आईआईटी मंडी ने इस अभियान को 'मैत्री मॉस्क अभियान' का नाम दिया है. इस मुहिम के तहत आईआईटी ने महिलाओं को कोरोना से किस तरह से बचाव करना है और इससे लड़ाई में किस तरह से सहयोग करना है इसके बारे में बताया.
आईआईटी मंडी की ई-वर्क टीम ने आसपास के कई सारे गांवों में जाकर लोगों को कोरोना वायरस के बारे में जागरूक किया. इस टीम ने लोगों को मॉस्क के सही सही तराके से प्रयोग करने के बारे में बताया. आईआईटी मंडी के एक अधिकारी ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत गांव की केवल चार महिलाओं के साथ हुई थी, लेकिन इसके बाद 15 महिलाएं इस अभियान में जुड़ चुकी हैं. 15 महिलाएं मॉस्क बना रही हैं. ये महिलाएं अभी तक 500 से अधिक मॉस्क उपलब्ध करा चुकी हैं, जिन मॉस्क को कंपनियों को सप्लाई किया जा रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार आईएईटी के अधिकारी के मुताबिक ये महिलाएं रोज 150 मॉस्क बनाती हैं, लेकिन उनके पास 300 से 400 मॉस्क की मांग रोज होती है. वहीं आईआईटी मंडी ने कहा हम महिलाओं से 2500 से 3500 मॉस्क रोज बनाने की उम्मीद करते हैं. क्योंकि मांग के हिसाब से पूर्ति भी होनी चाहिए.
इस पहल के बारे में आईआईटी मंडी के ईडब्ल्यूओ की सोसाइटी की मुख्य सलाहकार डॉ. प्रिसिला गोंसाल्विस ने कहा, “स्थानीय समुदाय ने हमारे स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जिस तरह से एक साथ दिया है उसे देखकर बहुत अच्छा लगा. जब ईडब्ल्यूओके को सामग्री खोजने में कठिनाई हो रही थी, तो एक स्थानीय चिराग वैद्य ने तब 150 कपड़े के मुफ्त मास्क देने की बात कही. वहीं स्थानीय महिलाओं ने भी अपने पहले दिन का श्रम दान करने के लिए सहमति व्यक्त की.
ये भी पढ़ें- केंद्रीय विद्यालय 7 मई से शुरू करेगा ऑनलाइन क्लास, ट्वीट कर दी जानकारी
.
Tags: Corona epidemic, IIT, Indian Womens Team, LockdownExtended, N95 Mask