Jharkhand News: आज से फिर बंद हुए स्कूल-कॉलेज, सरकार ने 10वीं-12वीं को लेकर किया ये बड़ा फैसला

झारखंड सरकार अगली कक्षा में प्रोन्नत किए जाने के बाद बच्चों के मूल्यांकन पर विचार कर रही है.
कोरोना वायरस (Coronavirus) की बढ़ती रफ्तार के कारण झारखंड में आज से एक बार फिर स्कूल-कॉलेज बंद हो गए हैं.
- News18 Jharkhand
- Last Updated: April 8, 2021, 2:57 PM IST
रांची. कोरोना वायरस (Coronavirus) एक बार फिर तेजी से पैर फैलाता नजर आ रहा है. कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ता देख कई राज्य सरकारों ने फिर से स्कूल-कॉलेज बंद (School-College Close) करने का फैसला लिया है, तो वहीं कई राज्यों ने बोर्ड परीक्षा की तारीखों में भी बदलाव किया है. इसके अलावा सरकार ने कोविड-19 के चलते 10वीं और 12वीं कक्षाा का सिलेबस घटा दिया है.
इस बीच झारखंड सरकार अगली कक्षा में प्रोन्नत किए जाने के बाद बच्चों के मूल्यांकन पर विचार कर रही है. बच्चों को प्रश्नपत्र उनके घर भेजकर आकलन परीक्षा लेने की तैयारी है. अब सवाल उठता है कि बच्चों के सीखने के स्तर का मूल्यांकन इससे कितना हो पाएगा. बिना पढ़े या सीखे अगली कक्षाओं में प्रोन्नत करने का असर बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ सकता है.
10वीं-12वीं को लेकर किया ये बड़ा फैसला
यही नहीं, सरकार ने कोविड-19 के चलते 10वीं और 12वीं कक्षाा का सिलेबस घटा दिया है. इसमें करीब 40 फीसदी की कटौती की गई है क्योंकि कोरोना के कारण ऑफलाइन क्लासेज नहीं चल पाई थीं. जैक के चेयरमैन अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि सिलेबस के मुताबिक प्रैक्टिकल परीक्षाएं जारी हैं, इसीलिए परीक्षा के शेड्यूल को रिवाइज़ किया गया है.कायम है ये उम्मीद
हालांकि उम्मीद है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के जिम्मेदार पदाधिकारी बच्चों की शिक्षा की चिंता करते हुए ऐसा जरूर कोई उपाय करेंगे जिससे बच्चों की पढ़ाई नियमित रूप से कराई जा सके. इसमें शिक्षकों को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. कुछ शिक्षकों ने अपने इनोवेशन से ऐसे कार्य कर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट कराने का काम भी किया है. सभी शिक्षकों और अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि बच्चों का पठन-पाठन सुचारू रूप से चलता रहे.
बता दें कि एक साल से अधिक समय से स्कूल बंद हैं. ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ इन स्कूलों के बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. पिछले कुछ माह से ऊपरी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने की अनुमति तो मिली है, लेकिन कोरोना संक्रमण के भय के कारण बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही है. संक्रमण बढ़ने के कारण ऊपरी कक्षाओं के लिए भी स्कूल फिर से बंद कर दिए गए हैं.
इस बीच झारखंड सरकार अगली कक्षा में प्रोन्नत किए जाने के बाद बच्चों के मूल्यांकन पर विचार कर रही है. बच्चों को प्रश्नपत्र उनके घर भेजकर आकलन परीक्षा लेने की तैयारी है. अब सवाल उठता है कि बच्चों के सीखने के स्तर का मूल्यांकन इससे कितना हो पाएगा. बिना पढ़े या सीखे अगली कक्षाओं में प्रोन्नत करने का असर बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ सकता है.
10वीं-12वीं को लेकर किया ये बड़ा फैसला
यही नहीं, सरकार ने कोविड-19 के चलते 10वीं और 12वीं कक्षाा का सिलेबस घटा दिया है. इसमें करीब 40 फीसदी की कटौती की गई है क्योंकि कोरोना के कारण ऑफलाइन क्लासेज नहीं चल पाई थीं. जैक के चेयरमैन अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि सिलेबस के मुताबिक प्रैक्टिकल परीक्षाएं जारी हैं, इसीलिए परीक्षा के शेड्यूल को रिवाइज़ किया गया है.कायम है ये उम्मीद
बता दें कि एक साल से अधिक समय से स्कूल बंद हैं. ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ इन स्कूलों के बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. पिछले कुछ माह से ऊपरी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने की अनुमति तो मिली है, लेकिन कोरोना संक्रमण के भय के कारण बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही है. संक्रमण बढ़ने के कारण ऊपरी कक्षाओं के लिए भी स्कूल फिर से बंद कर दिए गए हैं.
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