Success Story: विजय केडिया के पिता भी एक ब्रोकर थे.
Success Story: जिंदगी में तमाम मुश्किलें आती हैं. कुछ लोग इन मुश्किलों के बीच से अपनी राह बना लेते हैं और कुछ इनके सामने हार मान लेते हैं. आज हम आपको ऐसे शख्स के संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं, जो पिता की मौत के सदमे से 10वीं फेल हो गया. फिर कमाई का कोई जरिया न होते हुए भी उसकी शादी हो गई और वह एक बच्चे का पिता भी बन गया. रहने के लिए सिर्फ एक कमरे का घर था. एक समय ऐसा भी आया जब उसके पास रोते हुए बच्चे के लिए दूध लाने भर के पैसे नहीं थे. लेकिन फिर वह शख्श इन मुश्किलों से निपटकर 800 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक बन जाता है. हम बात कर रहे हैं मशहूर निवेशक विजय केडिया की.
अरबपति निवेशक विजय केडिया का जन्म कोलकाता के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. पिता स्टॉक ब्रोकर थे. लेकिन वह जब 10वीं क्लास में थे, तभी पिता का निधन हो गया. यह केडिया के लिए बहुत बड़ा सदमा था. नतीजन वह ठीक से परीक्षा न दे पाने के चलते 10वीं में फेल हो गए.
मां के गहने तक बेचने की आ गई नौबत
पिता के निधन के बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए कोई जरिया नहीं रह गया था. मां के कहने पर उन्होंने किसी तरह ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की और काम धंधा करने की सोची. लेकिन असफल रहे. इसके बाद शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू की. इससे जो कमाई होती उससे मुश्किल से घर का खर्च चल पा रहा था. इस बीच उनकी शादी भी हो गई. जल्द ही वह एक बच्चे के पिता भी बन गए. शुरू में उन्होंने ट्रेडिंग से कुछ पैसे कमाए लेकिन फिर तगड़ा नुकसान हो गया. एक बार तो मां के गहने तक बेचने की नौबत आ गई. जब लगता कि गाड़ी पटरी पर आ रही है तो बड़ा नुकसान हो जाता.
बच्चे के दूध तक के लिए नहीं थे पैसे
एक दिन तो ऐसा हो गया कि विजय केडिया के पास बच्चे का दूध लाने तक के पैसे नहीं थे. हुआ ऐसा कि एक दिन बच्चा भूख के मारे बेतहाशा रोए जा रहा था. उनकी पत्नी ने दूध का डिब्बा लाने को कहा. जिसकी कीमत उस वक्त महज 14 रुपये थी. लेकिन केडिया के पास 14 रुपये भी नहीं थे. पत्नी ने किसी तरह घर में इधर-उधर रखे, बिखरे सिक्के इकट्ठे करके 14 रुपये का जुगाड़ किया.
1990 में बदलने शुरू हुए दिन
साल 1990 के शुरुआती दौर में विजय केडिया ने कोलकाता छोड़कर मुंबई को ठिकाना बनाया. मुंबई में उनकी किस्मत ने साथ दिया. जल्द ही 1992 का मशहूर बुल रन आया. इसमें बहुत से निवेशको ने अच्छा खासा पैसा बनाया. जिनमें से विजय केडिया भी एक थे. वह कोलकाता से पंजाब ट्रैक्टर्स के शेयर लाए थे, जिसकी कीमत 35 हजार रुपये थी. बुल रन में इसके भाव पांच गुने बढ़ गए. उन्होंने इसे बेचकर एसीसी के शेयर खरीदे. इसके दाम एक साल में 10 गुना बढ़ गए. यह उनकी जिंदगी की बहुत बड़ी कामयाबी थी. इसके बाद उन्होंने मुंबई में घर खरीदा और परिवार को कोलकाता से मुंबई लाए.
पत्नी को दूध की कंपनी की खरीदकर गिफ्ट
जिंदगी में अभी एक और झटका मिलने वाला था. बुल रन के बाद जैसा कि मार्केट बुरी तरह क्रैश होता है, उस दौरान भी हुआ. उनकी सारी जमा-पूंजी डूब गई. मुश्किल से कुछ पैसे और घर बचा पाए. लेकिन एक लंबे इंतजार के बाद साल 2002-3 में फिर बुल रन आया. केडिया ने बचे हुए कुछ शेयर बेचे और तीन कंपनियों के शेयर खरीदे. इन तीनों के स्टॉक्स 10 साल में 100 गुना बढ़ गए. अब उनकी गिनती सफल निवेशकों में होने लगी. साल 2009 में उन्होंने दूध की एक कंपनी खरीदी और अपनी पत्नी को गिफ्ट किया. उन्होंने पत्नी से कहा कि यह गिफ्ट उस दिन के लिए जब मैं दूध के लिए 14 रुपये भी नहीं दे पाया था. विजय केडिया आज के समय करीब 800 करोड़ रुपये संपत्ति के मालिक हैं.
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