होम /न्यूज /करियर /Suvichar : किसी बच्चे के ज्ञान को अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिये क्योंकि.... पढ़ें गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के 10 प्रेरक विचार

Suvichar : किसी बच्चे के ज्ञान को अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिये क्योंकि.... पढ़ें गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के 10 प्रेरक विचार



Suvichar : फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं कर सकते हैं.

Suvichar : फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं कर सकते हैं.

Suvichar : गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर स्वयं को विश्व नागरिक मानते थे. उन्होंने आस्था, स्वतंत्रता, विश्व बंधुता, शिक्षा ...अधिक पढ़ें

Suvichar : गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर एकमात्र ऐसे कवि हैं जिनकी रचनाएं दो देशों में राष्ट्रगान है. वे भारत के राष्ट्रगान जन गण मन के अलावा बांग्लादेश के राष्ट्रगान आमार सोनार बांग्ला के भी रचयिता हैं. उनका जन्म सात मई 1861 को कोलकाता में हुआ था. 7 अगस्त 1913 में उनकी मृत्यु हुई थी. आइए जानते हैं गुरुदेव के अनमोल विचारों के बारे में.

1. हम महानता के सबसे करीब तब होते हैं जब हम विनम्रता में महान होते हैं.

2. हमेशा तर्क करने वाला दिमाग धार वाला वह चाकू है जो प्रयोग करने वाले के हाथ से ही खून निकाल देता है.

3. केवल प्रेम ही वास्तविकता है, ये महज एक भावना नहीं है. यह एक परम सत्य है जो सृजन के ह्रदय में वास करता है.

4. फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं कर सकते हैं.

5. आइए हम यह प्रार्थना न करें कि हमारे ऊपर खतरे न आएं, बल्कि यह प्रार्थना करें कि हम उनका निडरता से सामना कर सकें.

6. बर्तन में रखा पानी हमेशा चमकता है और समुद्र का पानी हमेशा गहरे रंग अस्पष्ट का होता है. लघु सत्य के शब्द हमेशा स्पष्ट होते हैं, महान सत्य मौन रहता है.

7. सच्चा प्रेम स्वतंत्रता देता है, अधिकार का दावा नहीं करता.

8. वो मनुष्य जो दूसरों का अच्छा करने में बहुत ज्यादा व्यस्त रहता है, वह स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाता.

9. किसी बच्चे के ज्ञान को अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिये क्योंकि वह किसी और समय में पैदा हुआ है.

10. आस्था वह चिड़िया है जो अँधेरा होने पर भी हमें उजाला महसूस कराती हैं.

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