UP Board दिलचस्प किस्से : डासना जेल में बंद पांच दोस्तों ने फर्स्ट डिवीजन से पास किया यूपी बोर्ड एग्जाम

पिछले साल डासना जेल में 90 कैदियों ने यूपी बोर्ड एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था.
दिलचस्प बात है कि पिछले साल 12वीं की परीक्षा देने वाले कैदियों का पास प्रतिशत 77.59 प्रतिशत रहा था, जो प्रदेश के 12वीं के औसत से ज्यादा था.
- News18Hindi
- Last Updated: June 23, 2020, 7:39 PM IST
नई दिल्ली. एक तरफ यूपी बोर्ड (UP Board) के दसवीं और बारहवीं के एग्जाम, दूसरी तरफ गाजियाबाद (Ghaziabad) की डासना जेल (Dasna Jail) में बंद पांच दोस्त. आप सोच रहे होंगे कि आखिर कनेक्शन क्या है. कनेक्शन तो है और वो भी बेहद मजेदार. दरअसल, ये पांच दोस्त भले ही अपने अपराध की सजा भुगतने के लिए गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं, लेकिन जेल में बंद रहने के दौरान इन पांचों दोस्तों ने यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में हिस्सा लिया था. और अच्छी बात ये रही कि सभी ने फर्स्ट डिवीजन से एग्जाम पास किया.
फर्स्ट डिवीजन के साथ हुए पास, तीन को मिली थी आजीवन कारावास की सजादरअसल, इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यूपी बोर्ड 2019 (UP Board 2019) की दसवीं की परीक्षा में इन पांचों कैदियों ने भी हिस्सा लिया था. ये पांचों गाजियाबाद (Ghaziabad) की डासना जेल (Dasna Jail) में बंद थे और इनमें से तीन कपिल, पंकज और विपुल को आजीवन कारावास की सजा मिली थी. मगर विपरीत परिस्थितियों में भी इन पांचों ने एग्जाम में शामिल होने का फैसला किया. इस इम्तिहान में पांचों न केवल पास हुए बल्कि फर्स्ट डिवीजन लाने में भी सफलता हासिल की. 2 अप्रैल, 2017 को दलित आंदोलन के दौरान हिंसा के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया अर्जुन भी प्रथम श्रेणी के साथ परीक्षा पास करने वाले पांच में से एक था.
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जेल का पास प्रतिशत राज्य के पास प्रतिशत से ज्यादा
पिछले साल के यूपी बोर्ड (UP Board) नतीजों को लेकर एक और दिलचस्प बात रही. दरअसल, इंटरमीडिएट में यूपी बोर्ड कक्षा 12 की परीक्षा के लिए कुल 90 छात्र जेल से आए थे, जिसमें से 45 ने परीक्षा दी. पास प्रतिशत 77.59 प्रतिशत रहा, जो राज्य के औसत से ऊपर है. वहीं, कक्षा 10 की परीक्षा में कुल 119 उम्मीदवारों ने जेल से पंजीकरण कराया.
फर्स्ट डिवीजन के साथ हुए पास, तीन को मिली थी आजीवन कारावास की सजादरअसल, इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यूपी बोर्ड 2019 (UP Board 2019) की दसवीं की परीक्षा में इन पांचों कैदियों ने भी हिस्सा लिया था. ये पांचों गाजियाबाद (Ghaziabad) की डासना जेल (Dasna Jail) में बंद थे और इनमें से तीन कपिल, पंकज और विपुल को आजीवन कारावास की सजा मिली थी. मगर विपरीत परिस्थितियों में भी इन पांचों ने एग्जाम में शामिल होने का फैसला किया. इस इम्तिहान में पांचों न केवल पास हुए बल्कि फर्स्ट डिवीजन लाने में भी सफलता हासिल की. 2 अप्रैल, 2017 को दलित आंदोलन के दौरान हिंसा के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया अर्जुन भी प्रथम श्रेणी के साथ परीक्षा पास करने वाले पांच में से एक था.
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