कॉलेज स्टूडेंट्स (प्रतीकात्मक तस्वीर)
उत्तर प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों को परिसर के भीतर 'राष्ट्रविरोधी' गतिविधियां नहीं होने देने का वचन देना होगा. ये बात विधानसभा में यूपी सरकार की ओर से पेश किए गए 'उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2019' में कही गई है. यदि कोई कॉलेज नियम तोड़ता है तो इसे विधेयक का उल्लंघन माना जाएगा.
विधेयक में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए शर्तें रखी गई हैं. शर्तों में एक शर्त यह भी है कि विश्वविद्यालय के परिसर के भीतर अथवा विश्वविद्यालय के नाम से 'राष्ट्रविरोधी' क्रियाकलाप करने या उन्हें बढ़ावा देने में किसी के ना तो शामिल होने और ना ही उसकी अनुमति देने का वचन देना होगा.
विधेयक के मसौदे में कहा गया है विश्वविद्यालय में ऐसा कोई क्रियाकलाप देखे जाने पर इसे विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने की शर्तों का 'महा उल्लंघन' माना जाएगा. सरकार इस अधिनियम या उस समय प्रभावी कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई कर सकती है.
विधेयक के उद्देश्य और कारण में कहा गया है कि किसी एक ही विधि के अधीन समस्त निजी विश्वविद्यालयों को शासित करने के लिए एक 'अम्ब्रेला कानून' (बहुत सारे उद्देश्यों के लिए एक ही कानून) बनाने का फैसला किया गया है.
ये भी पढ़ें-
NOIDA Metro Rail में 199 वैकेंसी, सैलरी 25 से 35 हजार तक, पढ़ें पूरी डिटेल
SAIL recruitment 2019: स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड में निकली 205 वैकेंसी
सरकारी नौकरी: Assistant Lineman के लिए 3500 वैकेंसी, pspcl.in पर करें अप्लाई
.
Tags: College education, UP news, Yogi adityanath