जान जोखिम में डाल ग्रामीणों का इलाज करने नदी पार करती है ये महिला

नदी पार कर गांव जाते स्वास्थ्यकर्मी.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले की महिला स्वास्थ्यकर्मी (Female health worker) मुश्किलों का सामना कर ड्यूटी करती हैं.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: September 18, 2019, 4:36 PM IST
बलरामपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले के राजपुर ब्लॉक के अलखडीहा उपस्वास्थ्य केन्द्र की महिला स्वास्थ्यकर्मी (Female health worker) मुश्किलों का सामना कर ड्यूटी करती हैं. इसका ताजा नमूना हाल ही में देखने को मिला. महिला सहित अन्य स्वास्थकर्मी नदी पार कर कैसे लोगों तक स्वास्थ सुविधा पहुंचा रहे है. बलरामपुर (Balrampur) जिले में अभी भी कई ऐसे गांव हैं, जहां पर जाने आने के लिये नदी पार कर जाना पड़ता है. वहीं राजपुर ब्लाक के अलखडीहा उपस्वास्थ केन्द्र के अंतर्गत मंहगई, माकड, महुडांड तीन ऐसे गांव पड़ते हैं, जिनकी अबादी करीब डेढ़ हाजर है, जहां पर जाने के लिये महाननदी पार कर आना-जाना पड़ता है.
इन गावों में जाने के लिए महानदी (Mahanadi) पर पुल नहीं बना है. इसके बाद भी इन गांवों में सेवा देने के लिए महिला स्वास्थ्यकर्मी पुष्पलता व पुरुष स्वास्थकर्मी शमशेर अन्सारी पैदल नदी पार कर ड्यूटी करने जाते हैं और लोगों तक स्वास्थ सुविधा पहुचाते हैं. स्वास्थ्यकर्मी पुष्पलता का कहना है कि जब भी नदी का स्तर बढ़ता है तो परेशानी होती है, लेकिन कोशिश रहती है कि सप्ताह में कम से कम एक बार तो वहां पहुंच जाएं और लोगों की परेशानी के आधार पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके.

ग्रामीण करते है तारीफग्रामीण कल्पना का कहना है कि नदी पर पुल नहीं होने से पैदल ही नदी पार कर स्वास्थयकर्मी ग्रामीणों को स्वास्थ सुविधा मुहैया कराने पहुंचते हैं, जिससे की गांव की जनता खुश. महिला सहित अन्य कर्मीचारियों के कार्यों को देखकर एसडीएम आरएस लाल का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों के जज्बे को सालाम करना चाहिए, जो तमाम परेशानियों के बाद भी अपनी सेवा देने व लोगों को मदद पहुंचाने से नहीं चुकते हैं.
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इन गावों में जाने के लिए महानदी (Mahanadi) पर पुल नहीं बना है. इसके बाद भी इन गांवों में सेवा देने के लिए महिला स्वास्थ्यकर्मी पुष्पलता व पुरुष स्वास्थकर्मी शमशेर अन्सारी पैदल नदी पार कर ड्यूटी करने जाते हैं और लोगों तक स्वास्थ सुविधा पहुचाते हैं. स्वास्थ्यकर्मी पुष्पलता का कहना है कि जब भी नदी का स्तर बढ़ता है तो परेशानी होती है, लेकिन कोशिश रहती है कि सप्ताह में कम से कम एक बार तो वहां पहुंच जाएं और लोगों की परेशानी के आधार पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके.

ग्रामीण का बीपी चेक करती पुष्पलता.
ग्रामीण करते है तारीफग्रामीण कल्पना का कहना है कि नदी पर पुल नहीं होने से पैदल ही नदी पार कर स्वास्थयकर्मी ग्रामीणों को स्वास्थ सुविधा मुहैया कराने पहुंचते हैं, जिससे की गांव की जनता खुश. महिला सहित अन्य कर्मीचारियों के कार्यों को देखकर एसडीएम आरएस लाल का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों के जज्बे को सालाम करना चाहिए, जो तमाम परेशानियों के बाद भी अपनी सेवा देने व लोगों को मदद पहुंचाने से नहीं चुकते हैं.
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