बस्तर के दंतेवाड़ा में ढोलकल पहाड़ से कई किलो वजनी ऐतिहासिक गणेश प्रतिमा को सैकड़ों फुट की ऊंचाई से नीचे खाई में गिरा दिए जाने के मामले में अब एक नई बात सामने आ रही है. विश्व हिदू परिषद (वीएचपी) के सम्भाग मंत्री सुरेश यादव की ओर से इसको लेकर दिए गए एक बयान ने खासी हलचल मचा दी है. सुरेश यादव ने इस घटना के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने की आशंका जताई है.
दरअसल, जगदलपुर के हनुमान मंदिर में वीएचपी की ओर से बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सम्भाग मंत्री ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस पूरी घटना के पीछे नक्सलियों का हाथ होने से साफतौर पर इनकार किया है. सुरेश ने कहा कि इन दिनों देश में राष्ट्र विरोधी ताकतें इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रही हैं.
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बस्तर में यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई इलाकों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. लेकिन शासन-प्रशासन के द्वारा उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. विश्व हिदू परिषद ने सरकार से मांग की है कि इस बिंदु पर भी सरकार को जांच करानी चाहिए.
सरकार और पुरातत्व विभाग की उदासीनता पर सवाल खड़े करते हुए यादव ने कहा कि अगर उस जगह पर सरकार ध्यान देती तो इस तरह की घटना होती ही नहीं. वीएचपी ने मांग की है कि उस जगह पर उसी तरह की प्रतिमा दोबारा
स्थापित की जाए. साथ ही इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाए कि भविष्य में इस तरह की घटना फिर न हो. अन्यथा विश्व हिदू परिषद पूरे छत्तीसगढ़ में आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी.
गौरतलब है कि ढोलकाल में दसवीं शताब्दी की गणेश प्रतिमा के सैकड़ों फुट ऊंचाई से गिरने के मामले में पूरे बस्तर में लोगों में खासा आक्रोश व्याप्त हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 28, 2017, 21:21 IST