कुत्ते ने इतनी बुरी तरह हमला किया था कि मासूम की एक उंगली भी अलग हो गई. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बेमेतरा. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बेमेतरा (Bemetara) के सबसे बड़े अस्पताल (Hospital) जिला सरकारी अस्पताल को आखिर क्यों रेफर अस्पताल कहते हैं, इसकी बानगी एक बार फिर देखने को मिली. बेमेतरा के पास ही के गांव में एक 8 वर्षीय मासूम को आवारा कुत्ते (Dog) ने बुरी तरह से काट दिया. कुत्ते ने इतनी बुरी तरह हमला किया था कि मासूम की एक उंगली भी अलग हो गई, जिसे लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन हर बार की तरह बुधवार को भी यहां एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं था. ऐसे में मासूम को महज टिटनेस इंजेक्शन लगाकर रायपुर रेफर करना पड़ा.
बेमेतरा (Bemetara) जिला अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन (Anti rabies injection) नहीं होने की समस्या लंबे समय से है. इसको लेकर शासन प्रशासन स्तर पर शिकायत भी की जा चुकी है. हाल ही में प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे ने प्रशासन को अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में एंटी रेबीज इंजेक्शन व जरूरी दवाइयां रखने के निर्देश दिए थे. मंत्री के निर्देश पर कलेक्टर ने भी अस्पतालों में दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दे दिए, लेकिन हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. नतीजतन आज मासूम को रायपुर रेफर करना पड़ा.
निजी अस्पतालों में भी नहीं दवाई
मासूम के परिजन ने बताया कि कुत्ता काटने के बाद पहले शासकीय अस्पताल गए. वहां दवाई नहीं मिलने के बाद आसपास के कुछ निजी अस्पतालों में भी चक्कर लगाया, लेकिन वहां एंटी रैबीज वैक्शिन नहीं थी. इसके बाद इलाज के लिए मासूम को रायपुर रवाना किया गया. बेमेतरा कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने बताया कि एंटी रेबीज सहित अन्य दवाइयों को पर्याप्त संख्या में रखने के निर्देश दिए गए थे. दवाई क्यों नहीं रखी गई थी. इसका पता लगाएंगे.
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