नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव शून्य घोषित, पराजित प्रत्याशी भी अयोग्य

फोहाराबाई. फोटो : न्यूज़18/ईटीवी
नगर पंचायत चुनाव के दौरान किए किए गए व्यय का समय पर हिसाब नहीं देने वाली मारो नगर पंचायत अध्यक्ष फोहाराबाई मिरी का निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: July 21, 2017, 6:09 PM IST
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में चुनाव आयोग ने कांग्रेस को जोर का झटका दे दिया है. नगर पंचायत चुनाव के दौरान किए किए गए व्यय का समय पर हिसाब नहीं देने वाली मारो नगर पंचायत अध्यक्ष फोहाराबाई मिरी का निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया है. वहीं चुनाव में हार का सामना करने वाली भाजपा की मीना बाई देशलहरा को भी हिसाब नहीं देने पर चार वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया है.
अभ्यर्थी फोहाराबाई मिरी एवं मीनाबाई देशलहरा के बारे में राज्य निर्वाचन अधिकारी ठाकुर रामसिंह ने 7 जून 2017 को जारी आदेश में लिखा है कि अधिनियम की धारा 32-2 (ख) के अनुसार कोई यथोचित कारण नहीं रखने के कारण इस आदेश की तारीख से चार वर्ष की कालावधि के लिए इस प्रकार चुने जाने तथा नगर पालिका का अध्यक्ष या पार्षद होने के लिए निरर्हित घोषित किया जाता है.
राज्य सरकार के इस आदेश को उप जिला निर्वाचन अधिकारी बेमेतरा ने 17 जुलाई को पीएमओ मारो को भेजकर दो अभ्यर्थी को तामील कराने का आदेश दिया. इस पर मारो सीएमओ ने तामील कराया है.
इस नए घटनाक्रम से मारो की शांत राजनीति में उबाल आ गया है. इस फैसले से न जीतने वाले को राहत है न हारने वाले को. भाजपा नेताओं का कहना है कि हम न्यायालय जाएंगे, वहीं कांग्रेसी इस पर अपने आला नेताओं से मशविरा करने की बात कह रहे हैं.
अभ्यर्थी फोहाराबाई मिरी एवं मीनाबाई देशलहरा के बारे में राज्य निर्वाचन अधिकारी ठाकुर रामसिंह ने 7 जून 2017 को जारी आदेश में लिखा है कि अधिनियम की धारा 32-2 (ख) के अनुसार कोई यथोचित कारण नहीं रखने के कारण इस आदेश की तारीख से चार वर्ष की कालावधि के लिए इस प्रकार चुने जाने तथा नगर पालिका का अध्यक्ष या पार्षद होने के लिए निरर्हित घोषित किया जाता है.
राज्य सरकार के इस आदेश को उप जिला निर्वाचन अधिकारी बेमेतरा ने 17 जुलाई को पीएमओ मारो को भेजकर दो अभ्यर्थी को तामील कराने का आदेश दिया. इस पर मारो सीएमओ ने तामील कराया है.
इस नए घटनाक्रम से मारो की शांत राजनीति में उबाल आ गया है. इस फैसले से न जीतने वाले को राहत है न हारने वाले को. भाजपा नेताओं का कहना है कि हम न्यायालय जाएंगे, वहीं कांग्रेसी इस पर अपने आला नेताओं से मशविरा करने की बात कह रहे हैं.