यहां मरने के बाद भी सुकून नहीं !

यहां मरने के बाद भी सुकून नहीं !
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में पिकरी मुक्तिधाम के जीर्णोद्धार के लिए 32 लाख से ज्यादा रकम खर्च करने के बाद भी बारिश के दिनों में दाह संस्कार में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: July 22, 2017, 1:30 PM IST
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में पिकरी मुक्तिधाम के जीर्णोद्धार के लिए 32 लाख से ज्यादा रकम खर्च करने के बाद भी बारिश के दिनों में दाह संस्कार में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
यहां भृष्टाचार का ऐसा आलम है कि सावन की पहली बारिश में ही पिकरी मुक्तिधाम का शेड उड़ गया है. इस कारण दाह संस्कार स्थल में बारिश से जल भराव की स्थिति बन गई है.
कहा जा सकता है कि मरने के बाद भी सुकून नहीं. यह कथन शहर के पिकरी वार्ड स्थित मुक्तिधाम पर चरितार्थ हो रहा है. इसके जीर्णोद्धार के लिए 32 लाख से ज्यादा रकम खर्च किए गए. बावजूद इसके बारिश के दिनों में दाह संस्कार में लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
वहीं कई महीने पहले ही दाह संस्कार स्थल के टीन शेड उड़ चुके हैं, लेकिन इस ओर पालिका प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है.बता दें कि राज्य प्रवर्तित योजना के अंतर्गत मुक्तिधाम सह गार्डन निर्माण के लिए 32 लाख 71 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे. पालिका प्रशासन द्वारा निर्माण का ठेका धमतरी के भुनेश चक्रधारी को दिया गया था.
यह कार्य बीते 20 अप्रैल 2012 को शुरू हुआ था, जिसे 6 माह में पूरा करना था. लेकिन साल 2014 तक विभाग ने ठेकेदार से मुक्तिधाम का हैंडओवर नहीं लिया था.
वार्ड पार्षद पंचु साहु ने कहा कि लापरवाही का आलम यह है कि आज भी कई निर्माण अधूरे हैं. इसमें जरूरी बर्निंग शेड और विद्युतीकरण का निर्माण पूरा नहीं हुआ है. इस संबंध में आमजनों ने कलेक्टर और नगर पालिका से कई बार शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
स्वीकृत राशि में कार्य के क्रियान्वयन के लिए भूमि तैयार करना, जलापूर्ति (बोर खनन आदि ), पाथवे निर्माण, लॉन डेवलपमेंट, विद्युतीकरण, बर्निंग शेड आदि बनाना शामिल है.
वहीं मुक्तिधाम का प्रवेश द्वार खुला होने की वजह से मवेशी पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं असामाजिक तत्व कई पावर पंप के केबल तार चुरा चुके हैं. पार्षदों दीपक तिवारी का आरोप है कि 32 लाख की राशि में से 10 लाख का भी काम नहीं हुआ है.
यहां भृष्टाचार का ऐसा आलम है कि सावन की पहली बारिश में ही पिकरी मुक्तिधाम का शेड उड़ गया है. इस कारण दाह संस्कार स्थल में बारिश से जल भराव की स्थिति बन गई है.
कहा जा सकता है कि मरने के बाद भी सुकून नहीं. यह कथन शहर के पिकरी वार्ड स्थित मुक्तिधाम पर चरितार्थ हो रहा है. इसके जीर्णोद्धार के लिए 32 लाख से ज्यादा रकम खर्च किए गए. बावजूद इसके बारिश के दिनों में दाह संस्कार में लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
वहीं कई महीने पहले ही दाह संस्कार स्थल के टीन शेड उड़ चुके हैं, लेकिन इस ओर पालिका प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है.बता दें कि राज्य प्रवर्तित योजना के अंतर्गत मुक्तिधाम सह गार्डन निर्माण के लिए 32 लाख 71 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे. पालिका प्रशासन द्वारा निर्माण का ठेका धमतरी के भुनेश चक्रधारी को दिया गया था.
यह कार्य बीते 20 अप्रैल 2012 को शुरू हुआ था, जिसे 6 माह में पूरा करना था. लेकिन साल 2014 तक विभाग ने ठेकेदार से मुक्तिधाम का हैंडओवर नहीं लिया था.
वार्ड पार्षद पंचु साहु ने कहा कि लापरवाही का आलम यह है कि आज भी कई निर्माण अधूरे हैं. इसमें जरूरी बर्निंग शेड और विद्युतीकरण का निर्माण पूरा नहीं हुआ है. इस संबंध में आमजनों ने कलेक्टर और नगर पालिका से कई बार शिकायत भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
स्वीकृत राशि में कार्य के क्रियान्वयन के लिए भूमि तैयार करना, जलापूर्ति (बोर खनन आदि ), पाथवे निर्माण, लॉन डेवलपमेंट, विद्युतीकरण, बर्निंग शेड आदि बनाना शामिल है.
वहीं मुक्तिधाम का प्रवेश द्वार खुला होने की वजह से मवेशी पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं असामाजिक तत्व कई पावर पंप के केबल तार चुरा चुके हैं. पार्षदों दीपक तिवारी का आरोप है कि 32 लाख की राशि में से 10 लाख का भी काम नहीं हुआ है.