बीजापुर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की असली तस्वीर.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक से मानवता को शर्मशार करने वाली एक और तस्वीर निकलकर सामने आई है. जिले में अंधविश्वास, सिरहा और गुनिया के तिलिस्म को स्वास्थ्य विभाग अभी तक भेदने में नाकाम रहा है. महीने भर के अंदर तीन तस्वीरे विकास के दावों की हकीकत को बयां करने के लिये काफी है. बेलचर निवासी दर्द से कराह रही गर्भवती महिला को परिजनों ने बांस के पट्टे से बने कांवड़ में 6 किलोमीटर का सफर तयकर अस्पताल पहुंचाया. बांस से बनी 2 फीट चौड़ी, 2 फ़ीट लंबे पट्टे में बेलचर निवासी कमला मंडावी को उसके परिजनों ने भैरमगढ़ हॉस्पिटल पहुंचाया.
मिली जानकारी के मुताबिक बेलचर निवासी कमला को प्रसव पीढ़ा होने लगी. परिजनों के पास संपर्क का साधन नहीं था इस वजह से हॉस्पिटल जाने से पहले गुनिया कराना उन्होंने बेहतर समझा. गुनिया के इलाज से कुछ ज्यादा फायदा नहीं होता देख कमला के पति रंजीत और माता मोती मंडावी ने बेलचर से लाए लकड़ी के कांवड़ से गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया. परिजनों ने कीचड़ से सने सड़क को पार कर गर्भवती महिला को NH-63 से होते हुए भैरमगढ़ हॉस्पिटल पहुंचाया.
भैरमगढ़ इलाके से लगातार ऐसी शर्मशार करने वाली तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं, अटल कलश यात्रा के दिन भी ऐसी ही एक घटना एनएच पर देखने को मिली थी जहां हॉस्पिटल के इलाज को छोड़ सिरहा गुनिया के अंधविश्वास में एक महिला ने दम तोड़ दिया था.
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