छत्तीसगढ़ सरकार सबसे अधिक बजट शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करती है. छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री जिस बस्तर से ही आते हैं. छत्तीसगढ़ के वन मंत्री भी बस्तर संभाग के बीजापुर विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. वन मंत्री के क्षेत्र बीजापुर में शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ते नजर आ रही है. बीजापुर जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर और नेशनल हाईवे से महज एक किलोमीटर की दूरी पर आदिम जाती अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा माध्यमिक बालक आश्रम कैका का संचालन किया जा रहा है.
इस आश्रम भवन का निर्माण नैमेड में आदिवासी विकास विभाग द्वारा 63 लाख 72 हजार रुपये से किया गया. भवन निर्माण प्रदेश के एक मंत्री के बेहद ही करीबी माने जाने वाले ठेकेदार व बीजापुर भाजपा संगठन में जिला मंत्री गोपाल सिंह पवार द्वारा करवाया गया. भवन का निर्माण कार्य 4 दिसम्बर 2014 को पूर्ण हुआ. यानी कि भवन बने आज की स्तिथि में महज़ 4 साल 8 महीने ही हुए हैं, लेकिन भवन की दीवार, छत और बीम को देखकर इसके खंडहर होने का प्रमाण मिल जाता है.
सिर्फ साढ़े चार सालों में ही 63 लाख 72 हजार रुपये का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें आ चुकी हैं. बारिश के मौसम में छत से 24 घंटे पानी टपकते रहता है. इतना ही नहीं आश्रम भवन के एक बीम में भी दरार आ चुकी है. 100 सीटर इस आश्रम भवन में पढ़ने वाले 98 आदिवासी बच्चे 24 घंटे खौफ के साए में रहते हैं. हमेशा इन्हें किसी अनहोनी का डर सता रहा होता है. छात्र बबलू कुमार व अन्य का कहना है उन्हें दीवार गिरने का भय हमेशा ही सताता है.
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